एसोसिएशन के साथ पुलिस ने की 150 फैक्ट्रियों की सर्चिंग 

किराए से चलने वाली फैक्ट्रियां कराई जाएंगी खाली

बांग्लादेशी युवक कर चुके हैं काम पाने का प्रयास

भोपाल, 8 अक्टूबर. औद्योगिक क्षेत्र बगरौदा में नशे की फैक्ट्री का खुलासा होने के बाद भोपाल पुलिस एक्शन मोड पर आ गई है. सोमवार शाम को पुलिस की 6 टीमों ने इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के साथ मिलकर इलाके की कुल 150 फैक्ट्रियों की सर्चिंग की. इस दौरान करीब एक दर्जन फैक्ट्रियां किराए पर चली मिलीं, जिन्हें खाली करवाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इसी दौरान यह भी पता चला कि कुछ महीने पहले बांग्लादेशी युवक नाम बदलकर यहां काम मांगने पहुंचे थे, लेकिन फैक्ट्री मालिकों को शंका होने पर वह भाग निकले थे. बगरौदा इंडिस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवनीत व्यास और सचिव अभिषेक निगम ने बताया कि इंडिस्ट्रियल एरिया में कुल 423 फैक्ट्रियों के लिए प्लाट हैं, जिनमें 150 फैक्ट्रियां चल रही हैं. सोमवार शाम को कटारा हिल्स, बागसेवनिया और मिसरोद थाने की आधा दर्जन टीमों ने पूरी फैक्ट्रियों की सर्चिंग की है. इस दौरान किराए से चलने वाले फैक्ट्रियों को खाली करवाने की कार्रवाई की जाएगी. इसी सर्चिंग के दौरान पता चला कि करीब तीन महीने पहुंले कुछ बांग्लादेशी युवक नाम बदलकर यहां काम मांगने पहुंचे थे, लेकिन फैक्ट्री मालिकों को उन पर शंका हुई तो पूछताछ की गई. इस बीच युवक मौका पाकर गायब हो गए. डेढ़ दर्जन स्थानों पर लगाए जाएंगे सीसीटीवी बगरौदा इंडस्ट्रियल एरिया भोपाल से कई किलोमीटर बाहर आउटर है. इस इलाके में अगर कोई वारदात होती है तो आरोपी कुछ ही मिनटों के भीतर भोपाल शहर की सीमा से बाहर भाग सकते हैं. पूरे इलाके में कहीं पर भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं. एसोसिएशन की पहल पर करीब डेढ़ दर्जन स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां जल्द ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. फैक्ट्री के बाहर लगे बोर्ड बनें मुसीबत ्रप्रत्येक फैक्ट्री मालिकों को फैक्ट्री के बाहर बोर्ड लगाना जरूरी होती है. इस बोर्ड में फैक्ट्री का पता, क्या उत्पादन होता है तथा जीएसटी नंबर समेत अन्य जरूरी जानकारियां होती हैं. हालांकि यह बोर्ड अब मालिकों के लिए मुसीबत साबित हो रहे हैं. नशे की फैक्ट्री के मामले में पता चला कि संचालक ने दूसरी फैक्ट्री के बाहर लगे बोर्ड पर लिखे जीएसटी नंबर का उपयोग कर माल मंगवाया था, जबकि वास्तविक फैक्ट्री मालिक को इसका पता ही नहीं था. इसको लेकर भी एसोसिएशन द्वारा रणनीति तैयार की जा रही है. महिला ने कर दिया था फैक्ट्री देने से मना अमित चतुर्वेदी पहले इसी इलाके में स्थित एक महिला की खाली पड़ी फैक्ट्री किराए से लेने पहुंचा था. महिला ने पूछा कि फैक्ट्री में क्या बनाया जाएगा तो उसने बोला था कि केमिकल बनाएगा. महिला ने कौन सा केमिकल बनाने की बात पूछी तो वह सटीक जवाब नहीं दे पाया, जिसके चलते उन्होंने फैक्ट्री किराए पर देने से इंकार कर दिया था. उसके बाद अमित ने एसके सिंह से साबुन बनाने के नाम पर फैक्ट्री किराए पर ली थी. आरोपियों को दोबारा फैक्ट्री लेकर पहुंची टीम मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे एनसीबी की टीम दोनों आरोपियों अमित चतुर्वेदी और सान्याल बाने को दोबारा फैक्ट्री लेकर पहुंची. कुछ देर बाद न्यायाधीश भी फैक्ट्री पहुंचे. एनसीबी ने फैक्ट्री से बरामद हुए माल को न्यायाधीश के सामने जब्ती की कार्रवाई की. दरअसल 1814 करोड़ की ड्रग्स के मामले में अभियोजन ने न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें जब्त माल की सूची प्रस्तुत करते हुए माल की शुद्धता प्रमाणित करने, अपनी उपस्थिति में सूची में शामिल जब्त वस्तुओं की तस्वीरें और नमूने को प्रयोगशाला भेजने की अनुमति मांगी गई थी. इस पर न्यायालय ने स्वीकृति प्रदान की और मंगलवार को न्यायाधीश ने विशेष लोक अभियोजक के साथ बगरौदा फैक्ट्री जाकर निरीक्षण करते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करवाई. गोदाम मालिक पर भी दर्ज हुआ केस अमित चतुर्वेदी ने जिस गोदाम मालिक विष्णु पाटीदार निवासी ग्राम रापडिय़ा से दुकान पर किराए पर ली थी, कटारा हिल्स पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. इसके पहले फैक्ट्री किराए पर देने वाले जयदीप सिंह और एसके सिह तथा मकान किराए पर देने वाली महिला के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है. पुलिस अमित के अन्य ठिकानों की जानकारी एकत्र कर रही है. इन सवालो के जवाब तलाश रही एनसीबी मामले की जांच रही एनसीबी के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं. सबसे अहम सवाल यह है कि पकड़ी गई फैक्ट्री में रोजाना करीब 25 किलोग्राम ड्रग तैयार किया जाता था. ऐसे में पिछले तीन महीने में कितना ड्रग तैयार कर कहां-कहां और किन-किन लोगों को बेचा गया है. ड्रग बेचकर जो पैसा आरोपियो के पास पहुंचा वह पैसा कहां गया. एमपी में ड्रग सप्लाई का काम मंदसौर से पकड़े गये हरीश आंजना का था. सूत्रो के अनुसार उसने तीन और नाम बताए हैं. ड्रग पेडलर गिरोह में आगे के यह लोग कौन हैं. क्या राजधानी में तैयार होने वाला ड्रग देश के साथ ही विदेश में भी सप्लाई हो रहा था और इसके लिए हवाला का कोई नेटवर्क साथ में जुड़ा है अथवा नहीं, इसको लेकर जांच की जा रही है.

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