सुबह होगा नीम और मिल्क का सेवन…तिलक लगाकर करेंगे स्वाग
शाम को जगमगाएगा शिप्रा का आंगन….9 अप्रैल को गुड़ी पड़वा
उज्जैन। शहर में 9 अप्रैल को गुड़ी पड़वा का पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर जहां सुबह लोग नीम की पत्ती और मिल्क का सेवन करेंगे। वहीं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा राह गुजरने वाले लोगों को तिलक लगाकर स्वागत कर नए हिन्दू वर्ष की शुभकामनाएं भी देंगे। तो वहीं शाम के समय शिप्रा का आंगन पांच लाख दीपों की रोशनी से जगमगा उठेगा।
गुड़ी की होगी पूजा, पूरनपोली भी बनेगी-चै़त्र माह के पहले दिन गुड़ी पड़वा होती है और उज्जैन शहर में अधिकांश श्रद्धालुओं द्वारा गुड़ी की पूजा संपन्न की जाएगी। वहीं मीठी पूरनपोली भी बनेगी। घर आने वाले मेहमानों का स्वागत होगा और एक दूसरे को हिन्दू नववर्ष की बधाइयां व शुभकामनाएं भी दी जाएगी। गौरतलब है कि उज्जैन में मेहमानों के स्वागत की अनूठी परंपरा है वहीं यहां हर त्योहार और पर्व का उल्लास व आनंद अलग ही दिखाई देता है।
ध्वज चल समारोह भी निकालेंगे
गौरतलब है कि गुड़ी पड़वा के अवसर पर सिंहपुरी और भागसीपुरा के साथ ही महाराष्ट्रीयन समाज द्वारा शाम के समय ध्वज चल समारोह के भी आयोजन किए जायेंगे। यह आयोजन परंपरागत रूप से होते है और इनकी तैयारियां भी जोर शोर से की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंहपुरी और भागसीपुरा के ध्वज चल समारोह में आकर्षक धार्मिक झांकियां शामिल होगी, जिन्हें कलाकारों द्वारा तैयार करने का सिलसिला जारी है।
गुड़ी पड़वा का मतलब
गुड़ी का मतलब है ध्वज यानी झंडा और प्रतिपदा तिथि को पड़वा कहा जाता है। यह रबी फसलों की कटाई का प्रतीक है। ऐसा कहा जाता यही वह दिन है, जब भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्मांड के निर्माण की शुरुआत की थी। इसी दिन से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2081 और चैत्र नवरात्रि का शुभांरभ भी होगा। इस चैत्र प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा, नव संवत्सर उगादी, चेटी चंड और युगादी के नाम से जाना जाता है।