विस्थापन के मुद्दे पर सिंगरौली पुनर्स्थापना मंच ने की आमसभा
मोरवा वासियों से मांगा सहयोग, एनसीएल प्रबंधन पर जमकर निकली भड़ास
सिंगरौली :बुधवार शाम को सिंगरौली स्थित फल मंडी में सिंगरौली पुनर्स्थापना मंच द्वारा आमसभा आयोजित की गई थी। इस आमसभा में एनसीएल के साथ हुए कार्य की प्रगति वर्तमान विस्थापन प्रक्रिया में आ रही कठिनाइयों समेत 24 सूत्रीय मांग पत्र पर एनसीएल के ढुलमुल जवाब की समीक्षा की गई।आमसभा में सिंगरौली पुनर्स्थापना स्थापना मंच के करीब दो दर्जन पदाधिकारी के साथ सैकड़ो की संख्या में मोरवा के लोग उपस्थित रहे। इस दौरान सिंगरौली पुनर्स्थापना मंच के पदाधिकारी संजय प्रताप सिंह, आलोक यादव, भूपेंद्र गर्ग, गोपाल श्रीवास्तव, शेखर सिंह, राजेश सिंह, सतीश उत्पल, अभियुदय सिंह समेत अन्य पदाधिकारी ने एनसीएल को आड़े हाथों लेते हुए 24 सूत्रीय मांग पत्र पर प्रबंधन द्वारा नकारात्मक जवाब देने पर अपनी भड़ास निकली। उन्होंने स्थानीय लोगों से बेहतर पुनर्वास के लिए एकजुट रहकर सहयोग करने की अपील की।
सभा को संबोधित करते हुए सिंगरौली पुनर्स्थापना मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि मोरवा के स्थानीय लोग नापी को लेकर ज्यादा उत्सुकता दिखा रहे हैं। उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया की किसी एक का मकान छोड़कर एनसीएल आगे नहीं बढ़ सकता। यदि एनसीएल को आठ नंबर वार्ड में उत्खनन करना है तो वह 9 नंबर वार्ड को नहीं छोड़ सकता। यदि उस वार्ड में भारी मात्रा में लोग नापी नहीं करवाएंगे तो ऐसे में एनसीएल 9 नंबर को लांघ कर 8 नंबर वार्ड में उत्पादन नहीं कर सकेगा। यह एक व्यवहारिक बात है। जिसे स्थानीय लोगों को समझाना पड़ेगा। इसलिए नापी को लेकर लोगों को सयम बरतने की जरूरत है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मेढ़ौली वार्ड क्रमांक 10 के विस्थापन के दौरान पूर्व में कई ऐसे लोग हैं जिनके मकान की नापी हो चुकी है उनके घरों पर नंबरिंग भी कर दी गई है मगर कई वर्षों से उनका मुआवजा आधार में अटका है। इसका मुख्य कारण लोगों द्वारा की गई हड़बड़ी और प्रबंधन की लचर व्यवस्था है। इस दौरान आमसभा के दौरान लोगों की राय जानते हुए पुनर्स्थापना मंच के पदाधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि एनसीएल प्रबंधन लोगों की मांग को दरकिनार करते हुए कम पैसों पर पुनर्वास स्थल के लिए मनाने पर आमादा है। परंतु पुनर्वास स्थल के बदले लोगों को 25 लाख अदा करना पड़ेगा। इससे कम पर यहां की जनता नहीं तैयार होगी। साथ ही ब्लास्टिंग से हो रहे नुकसान का हर कोई कराएं एफआईआर दर्ज कराने पर जोर दिया। इसके अलावा यह भी बात स्पष्ट कर दिया गया कि यदि बात नहीं मानी गई तो फिर उग्र आंदोलन होगा।
बसाहट को लेकर फसा पेच
मोरवा का विस्थापन एक जटिल समस्या हो चला है। यहां करीब 20 हजार परिवारों के कुल करीब 70 हजार लोग विस्थापित होंगे। इसे लेकर 9 फरवरी को एक साथ क्षेत्र में धारा 9 लागू कर दी गई थी। परंतु अभी तक पुनर्वास स्थल की घोषणा एनसीएल प्रबंधन द्वारा नहीं की गई है। जिसे लेकर हर आम और खास में रोष व्याप्त है। हर कोई इस मुद्दे को लेकर भयभीत है कि उन्हें कहां बसाया जाएगा। सिंगरौली पुनर्स्थापना मंच ने आज आमसभा के माध्यम से यह बताया कि एनसीएल पूरा इस क्षेत्र से करीब 13 लाख करोड़ का कोयला निकालने वाली है। जिसके लिए वह 25 से 30 हजार करोड़ का मुआवजा वितरण करने में भी कतरा रही है।