बाउंसरों पर मारपीट, डायलिसिस के बीच मशीन बंद करने का आरोप
जबलपुर: नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के वार्ड नंबर 15 में भर्ती के मरीज की मौत के बाद बवाल खड़ा हो गया। परिजनों ने इलाज मेें लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। इसके बाद बाउंसरों और परिजनों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। जिसके बाद हिन्दू सेवा परिषद के कार्यकर्ता भी पहुंच गए और मामले ने तूल पकड़ लिया। इस दौरान लापरवाही पूर्वक अधूरे डायलिसिस के बीच मशीन बंद करने और बाउंसरों पर मारपीट का आरोप लगाया गया। सूचना मिलते ही मेडिकल, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जिसके बाद परिजनों को मामले में जांच के बाद उचित कार्यवाही का अश्वासन दिया गया जिसके बाद हंगामा शांत हुआ।
जानकारी के मुताबिक ग्वारीघाट निवासी दीपक केवट को किडनी में प्रॉब्लम आ गई थी, जिसका बीते छह माह से मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा था। मंगलवार को अमन केवट अपने भाई दीपक केवट को डायलिसिस कराने सोमवार को नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डायलिसिस के दौरान उसकी मौत हो गई। अमन केवट का आरोप था कि डायलिसिस करने वाले टेक्नीशियन की लापरवाही के कारण मौत हुई है।
अधूरे डायलिसिस में ही मशीन बंद कर दी, दीपक का काफी मात्रा में खून बह गया, वार्ड के बाहर बैठे परिजनों ने देखा कि डायलिसिस मशीन में दीपक अकेला पड़ा तड़प रहा है, तुरंत ही डॉक्टरों को सूचना दी गई, लेकिन जब तक मरीज की जान चली गई। जब परिजनों ने लापरवाही का विरोध किया तो बाउंसरों ने मारपीट कर दी। मृतक हिन्दू सेवा परिषद का कार्यकर्ता था जब जिसकी मौत की जानकारी लगते ही हिन्दू सेवा परिषद के कार्यकर्ता मेडिकल कॉलेज पहुंचे और जमकर हंगामा किया। शव मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट पर रखकर प्रदर्शन किया गया और लापरवाही करने वाले स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। हंगामे के बाद डीन, एसडीएम और गढ़ा पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की बात कही गई जिसके बाद प्रदर्शन शांत हुआ और परिजन शव को लेकर ग्वारीघाट के लिए रवाना हुए।
तीन सदस्यीय टीम गठित
मामले में मेडिकल कालेज डीन डाक्टर नवनीत सक्सेना ने जांच के आदेश दे दिए है। इसके साथ ही मेडिकल अधीक्षक को तीन सदस्यीय जांच कमेटी गाठित कर जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है। डीन का कहना है कि मामले की जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्यवाही होगी।