सियासत
ऐसा लगता है कि राहुल गांधी के दरबार में जीतू पटवारी के नंबर कम हुए हैं। यही वजह है कि पीसीसी का गठन हो नहीं पाया है. अब जो स्थिति है उसके अनुसार श्राद्ध पक्ष में गठन होगा नहीं. 5 अक्टूबर को हरियाणा में मतदान है. 8 अक्टूबर को हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की मतगणना होगी. उसके बाद सरकार के गठन की तैयारी इत्यादि में कांग्रेस हाई कमान का समय चला जाएगा. इसलिए ऐसा लगता है कि अब 15 अक्टूबर तक पीसीसी का ऐलान नहीं होगा.
इसके अलावा भी कई अवसरों पर जीतू पटवारी दिल्ली में राहुल गांधी से मिल नहीं पाए हैं. उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया. इस वजह से पटवारी अपनी संगठन प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल तक ही पहुंचा पाए. सूत्रों का कहना है कि हाल ही में राहुल गांधी ने कांग्रेस विधायकों की विधानसभा में दो बार उपस्थिति कराने का जो निर्देश दिया है उसके पीछे भी उनकी नाराजगी बताई जा रही है. राहुल ने कांग्रेस विधायक दल को निर्देशित किया है कि विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस के सभी 64 विधायकों को सुबह और शाम दोनों बार हाजिरी लगानी पड़ेगी. यानी केंद्रीय नेतृत्व विधायकों की सक्रियता को मॉनिटर करेगा. उनका वर्क ऑडिट किया जाएगा.
राहुल गांधी को शिकायत मिली है कि कांग्रेस सदन के भीतर और बाहर भाजपा सरकार को घेर नहीं पा रही है. जबकि कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जा सकता है. महू की सैन्य अधिकारियों के साथ हुई वारदात के बाद स्थानीय कांग्रेस जन तब सक्रिय हुए, जब राहुल और प्रियंका गांधी का ट्वीट इस बारे में सामने आया. सूत्रों का कहना है कि 15 अक्टूबर के बाद संभव है प्रदेश कांग्रेस में बड़ी सर्जरी हो. या तो जीतू पटवारी को राष्ट्रीय स्तर पर जवाबदारी देकर प्रदेश से मुक्त किया जा सकता है या फिर प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह को हटाकर जीतू पटवारी की राह आसन की जा सकती है। अभी प्रदेश कांग्रेस जिस तरीके से चलाई जा रही है उस तरीके के कारण कांग्रेस का प्रदेश में और नुकसान होना तय है.