महाराष्ट्र से खाली हाथ लौटी पुलिस

 फर्जी वसीयत बना करोड़ों की जमीन का मामला
     
 जबलपुर: कटनी-नागपुर हाइवे से लगी बेशकीमती जमीन की निलंबित तहसीलदार, पटवारी, कप्यूटर ऑपरेटर ने मिलकर फर्जी वसीयत बनाकर करोड़ों की जमीन हड़पी थी। इस मामले में फरार चल रहे आरोपियों की तलाश में महाराष्ट्र गई विजय नगर पुलिस खाली हाथ लौट आई हैं वहां से पुलिस को कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा है। प्रकरण में सस्पेंड पटवारी समेत छह आरोपित फरार है। जिन्हेें पकडऩे विजय नगर एवं क्राइम ब्रांच की टीमें लगी हुई है।

विदित हो कि मॉडल टॉउन निवासी शिवचरण पांडे के पिता महावीर पांडे के नाम पर रैगवां में एक हेक्टेयर जमीन थी। महावीर की मौत के बाद शिवचरण का नाम दस्तावेजों में दर्ज हुआ। लेकिन आठ अगस्त 2023 को एकाएक शिवचरण का नाम खसरे समेत अन्य दस्तावेजों से हटा दिया गया। जिस पर शिवचरण ने मामले की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की। पुलिस के अनुसार अधारताल तहसील में पदस्थ कप्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने फर्जी वसीहत के जरिए एक रैगवां की ढाई एकड़ जमीन के आवेदन को अपने पिता के नाम पर रजिस्टर्ड कर लिया। पटवारी की मदद से तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे के जरिए इसका आदेश पारित कराकर पिता के नाम जमीन दर्ज की और फिर अपने दो भाईयों रविशंकर चौबे व अजय चौबे निवासी विजयनगर के नाम पर बांट दी।

जमीन फर्जीवाड़े के विवाद के बढऩे का अंदेशा उन्हें था इसलिए आनन-फानन में जमीन बेच दी। इस मामले में पटवारी जागेंद्र पिपरे, जमीन खरीदार हर्ष पटेल और अमिता पाठक को भी नामजद किया गया है। इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और साजिश रचने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया। जमीन फर्जीवाड़े के मामले में निलंबित अधारताल तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था जिसे जेल भेजा जा चुका है। जबकि निलंबित पटवारी जागेन्द्र पिपरे, तहसीलदार आधारताल में कार्यरत रहे कम्प्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे सहित गढ़ा निवासी रविशंकर चौबे एवं अजय चौबे, एकता नगर विजय नगर निवासी हर्ष पटेल एवं जीबीएन कॉलोनी एकता नगर निवासी अमिता पाठक फरार है जिनकी तलाश जारी है।

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