जिनके जीवन में पुण्य के अलावा कुछ नहीं था इसलिए पुण्य श्लोका कहलाई अहिल्या देवी.. भैया जी जोशी

लोक माता अहिल्या बाई होलकर का आध्यात्मिक शासन विषय पर  भैयाजी जोशी का प्रभावी उद्बोधन

इंदौर: देवी अहिल्याबाई होलकर त्रि शताब्दी समारोह समिति और राजेंद्र नगर गणेशोत्सव समिति  द्वारा लता मंगेशकर सभागृह, राजेंद्र नगर में सोमवार की शाम पुण्य श्लोका लोक माता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्मोत्सव वर्ष के अंतर्गत उनके शासन प्रणाली को केंद्र में रखते हुए विषय को लेकर व्याख्यान का आयोजन किया गया. मुख्य वक्ता थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य, प्रखर और ओजस्वी वक्ता सुरेश भैयाजी जोशी.

संघ के निवर्तमान सरकार्यवाह भैया जी ने लोक माता अहिल्याबाई का आध्यात्मिक शासन  विषय पर अत्यंत प्रभावी और सारगर्भित उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई के जीवन में पुण्य ही पुण्य था इसीलिए वे देश की एकमात्र इसी शासक हैं जिनके लिए पुण्य श्लोका अहिल्याबाई का उपयोग किया जाता है. उनका पूरा जीवन एक पुण्य श्लोक की तरह था. अहिल्याबाई ने शिव का आदेश मानकर शासन किया. उन्होंने कभी खुद को शासक नहीं माना बल्कि वास्तविक सेवक मानकर शासन चलाया. अहिल्याबाई के शासन को आध्यात्मिक शासन इसलिए कहा जाता है कि उन्होंने अनेक सामाजिक सुधारों और धार्मिक कार्यों के माध्यम से न केवल शासन चलाया बल्कि समाज प्रबोधन भी किया. उन्होंने देश भर के लगभग 35 धार्मिक स्थानों पर प्रतिवर्ष गंगाजल से अभिषेक हो इसकी व्यवस्था की थी. इसके अलावा उन्होंने देश के अनेक स्थानों पर मंदिरों का जीर्णोद्धार किया. भैया जी ने कहा कि क्या कोई कल्पना कर सकता है कि उस समय उन्होंने विधवा विवाह को प्रोत्साहित किया। जाति व्यवस्था के मामले में भी उनका स्पष्ट दृष्टि कौन था. भैया जी ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के बारे में अहिल्याबाई ने बहुत कुछ किया.
हमेशा अहिल्याबाई से प्रेरणा ली
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक हितिका वासल ने कहा कि उन्होंने हमेशा अहिल्याबाई से प्रेरणा ली है. प्रारंभ में अन्ना महाराज की पुस्तिका का विमोचन किया गया. समिति के कार्याध्यक्ष उदयराजे सिंह होलकर एवं संरक्षक पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा ताई महाजन भी कार्यक्रम में उपस्थित थीं। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन महाराष्ट्र समाज राजेंद्र नगर के अध्यक्ष सुनील धर्माधिकारी ने किया जबकि अहिल्याबाई उत्सव समिति की डा. माला ठाकुर ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। वंदे मातरम के गण से कार्यक्रम का समापन किया गया. आयोजन समिति की माला सिंह ठाकुर और प्रशांत बडवे ने बताया कि यह वर्ष लोक माता देवी अहिल्याबाई होलकर का 300वां जन्मवर्ष है जिसे पूरे देश में समारोह पूर्वक मनाया जा रहा है. त्रि शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम पूरे साल भर चलेंगे।

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