सुकमा 13 सितंबर (वार्ता) छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शासन के‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’ एवं ‘नियद नेल्ला नार’ योजना से प्रभावित होकर तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव तथा माओवादियों के अमानवीय विचारों के कारण शुक्रवार को एक महिला समेत पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
नक्सलियों ने यहां पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दिनेश कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी 212 वाहिनी सीआरपीएफ एवं निरीक्षक मुकेश यादव तथा प्रभारी सायबर सेल सुकमा के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया।
समर्पण करने वाले नक्सलियों ने कहा कि उन्हे नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण व अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों की ओर से भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने की उद्देश्य से समर्पण किया है।
नक्सली संगठन में सक्रिय एक महिला सहित पांच नक्सलियों में क्रमशः 01. सोड़ी पीडे (42) पति सोड़ी गंगा (सिंगाराम आरपीसी केएमएस उपाध्यक्षा) जाति मुरिया निवासी गोंदीगुड़ा थाना गोलापल्ली जिला सुकमा, 02. माड़वी भीमा (45) पिता माड़का (सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमएस उपाध्यक्ष) जाति मुरिया निवासी गोंदीगुड़ा थाना गोलापल्ली जिला सुकमा, 03. सोड़ी हुंगा (40) पिता कोसा (सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य) जाति मुरिया निवासी गोंदीगुड़ा थाना गोलापाल्ली जिला सुकमा, 04 मड़कम भीमा (40) पिता ओमा (सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य) जाति मुरिया निवासी गोंदीगुड़ा थाना गोलापल्ली जिला सुकमा एवं 05. कवासी बिल्लू उर्फ लखमा (54) पिता स्व0 भीमा (बुर्कलंका आरपीसी मिलिशिया सदस्य) जाति मुरिया निवासी पामलूर थाना किस्टाराम जिला सुकमा शामिल हैं।