सतना में ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के डिवीजनल मैनेजर और विकास अधिकारी तथा एजेंट, सर्वेयर, जांचकर्ता और विभिन्न निजी फर्मों के आठ मालिकों सहित निजी व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ीपूर्ण बीमा दावों के आरोप में मामला दर्ज किया गया और तलाशी ली गई
सतना:केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसी लिमिटेड) के क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर ओआईसी लिमिटेड, डिवीजनल ऑफिस, सतना (एमपी) के वरिष्ठ डिवीजनल मैनेजर और विकास अधिकारी तथा एजेंट, इंदौर स्थित सर्वेयर और हानि निर्धारक, जांचकर्ता और सतना (एमपी) स्थित निजी फर्मों के आठ मालिकों सहित 13 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ीपूर्ण दावा निपटान के आरोपों में मामला दर्ज किया है।मिली जानकारी अनुसार आरोप लगाया गया कि वर्ष 2022 के दौरान आरोपी व्यक्तियों ने आपस में आपराधिक षडयंत्र रचा और उसके अनुसरण में फर्मों के स्वामियों ने अन्य लोगों की मिलीभगत से ओआईसी लिमिटेड, सतना से धोखाधड़ी से बीमा राशि का दावा किया और इस तरह ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 4 करोड़ रुपये (लगभग) का गलत नुकसान पहुंचाया और खुद को भी गलत लाभ पहुंचाया।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि 07 फर्मों (तेंदू पत्ता व्यापारी फर्मों) के आरोपी स्वामियों ने मई 2022 में 14 पॉलिसियों के तहत ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, सतना से तेंदू पत्ते (बीड़ी पत्ते) के स्टॉक का बीमा कराया और स्टॉक को सतना जिले के ग्राम अहिरगांव में एक गोदाम में रखा गया था, जो कथित तौर पर आग से जल गया। कथित तौर पर गोदाम में बिजली का कनेक्शन नहीं था और कथित आग मानव निर्मित थी। यह भी आरोप लगाया गया कि इस संबंध में स्थानीय पुलिस की एफआईआर और पंचनामा को सर्वेयर, अन्वेषक और ओआईसी लिमिटेड के अधिकारियों ने इस उद्देश्य के लिए नजरअंदाज कर दिया। कथित तौर पर 07 फर्मों ने चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से फुलाए हुए क्लोजिंग स्टॉक के लिए फर्जी ट्रेडिंग खाते तैयार किए, जिन्हें सर्वेयर, अन्वेषक और ओआईसी लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा सत्यापित नहीं किया गया था। उन्होंने इस तथ्य को भी नजरअंदाज कर दिया कि फर्मों द्वारा कोई जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया गया था। यह भी आरोप लगाया गया था कि तेंदू पत्ते मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा मेसर्स पीसी ट्रेडिंग कंपनी (ट्रेडिंग फर्मों को तेंदू पत्तों के कथित आपूर्तिकर्ता) को बेचे गए थे, न कि अन्य 07 आरोपी फर्मों को।
यह भी आरोप लगाया गया था कि आरोपी विकास अधिकारी ने ओआईसी लिमिटेड के नियमों और विनियमों के विरुद्ध 07 बीमा पॉलिसी को 14 पॉलिसियों (07 फर्मों के लिए दो-दो पॉलिसियाँ) में विभाजित करके दावा राशि को वरिष्ठ मंडल प्रबंधक के वित्तीय अधिकार में ला दिया और इस तरह उच्च अधिकारियों को संदर्भित किए बिना दावों को मंजूरी देने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनाईं। इसके बाद, फर्मों ने 14 बीमा पॉलिसियों में 14 दावे दायर किए, जिनका निपटारा ओआईसी लिमिटेड, सतना से किया गया। साजिश के तहत आरोपी वरिष्ठ मंडल प्रबंधक ने कथित तौर पर संबंधित आरोपियों से सर्वेक्षण और जांच करवाई, जिन्होंने अग्नि दुर्घटना में हुए नुकसान को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हुए 14 सर्वेक्षण रिपोर्ट और 14 जांच रिपोर्ट पेश की। कथित तौर पर बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई सर्वेक्षण रिपोर्ट/जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी वरिष्ठ मंडल प्रबंधक ने धोखाधड़ी से इन फर्मों के पक्ष में दावों का निपटान किया।
इंदौर में भी पड़े छापे
इसी मामले में को प्रदेश के इंदौर, सतना और जबलपुर में आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों सहित 03 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं।जांच जारी है।