ग्राम पंचायत कलमोड़ा आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित

नवभारत न्यूज

झाबुआ। पारा से 14 किमी दूर ग्रापं कलमोड़ा आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। आज भी आम जनता को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कलमोड़ा हनुमान मंदिर रोड से आंगनवाड़ी तक 5 किमी तक कच्चा रोड है, जिनकी स्थिति बारिश के समय दयनीय हो जाती है, जिस पर चलना व निकलना खतरों से खाली नहीं है, इस राह पर पैदल चलने वाले से लेकर वाहन चालक तक परेशानियों का सामना करते हुए निकलते हैं। गांव में आने जाने के लिए एक ही रास्ता है और इस पर से 15 फलिये के करीब 3 हजार से अधिक जनसंख्या वाले गांव के लोग कच्चे रास्ते से आना-जाना करते हैं। बरसात के समय में ग्रामीणों को काफी परेशानियां झेलना पड़ती है, खासकर स्कूली बच्चे, एम्बुलेंस को भी आने जाने में काफी दिक्कत होती है एवं ग्रामीणों को काफी दिकत्तों का सामना करना पड़ता है।

बारिश के मौसम में अधिक परेशानी

क्षेत्र में अधिक बारिश होने से आमजन को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां दुःखद घटना भी घट चुकी हैं, यहां दो नदियांे के बीच में 8 फलिये की आबादी जो नदियों को पार करके निकलती है जिस वजह से बारिश के दौरान अधिक बारिश होने या नदियों में पानी के अधिक बहाव की वजह से दो बड़ी नदियों को पार करना बहुत मुश्किल एवं कठिनाई भरा होता है। ऐसे में बीमार व्यक्ति या डिलीवरी के लिए भी किसी को नही ले जा सकते है, क्योंकि नदियों को पार करना जोखिम भरा साबित हो सकता है। ग्रामीण लोग बताते हैं कि 3 सितंबर को ही दुखत घटना घट चुकी है। उस दिन रात में एक महिला की जान चल गई जिसको सही समय पर अस्पताल नहीं ले जा पाए और डीलवरी के लिए ले जाते समय सरदारपुर अस्पताल में मौत हो गई।

बच्चे भी नही पहुंच पाते स्कूल

क्षेत्र में अधिक बारिश होने पर आमजन के साथ स्कूली बच्चों को भी काफी परेशान होना पडता है, कारण वे अधिक बारिश के चलते नदी आने पर स्कूल नही जा पाते है। गांव के रास्ते पड़ने वाली दोनों नदियांे में बारिश के तेज पानी के बहाव के कारण उसको पार करना बहुत कठीन होता है जिसके चलते ऐसे समय में ग्रामीणों को परेशानियां झेलना पड़ती है। आज तक इस समस्या को ना तो कोई जनप्रतिनिधि समझ पाया और ना ही कोई अधिकारी। आज भी यह गांव मूलभूत सुविधा की बाट जो रहा है। ग्रामवासी गांव की मूलभूत सुविधाओं के लिए कई बार अधिकारी से लेकर नेताओं को भी अवगत करवा चुके हैं लेकिन गांव की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है, जिससे कोई सुनने व देखने वाला नहीं। यह देखना यह है कि जिला प्रशासन गांव में मूलभूत सुविधा मुहैया कराने के लिए कदम उठाता है या फिर आगे भी इस गांव के ग्रामीणों को पूर्व की भांति परेशानियां झेलना पडेगी ?

11 झाबुआ-1 से 3 तक- बारिश में होता है ऐसा दृश्य निर्मित

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