ननि अध्यक्ष के दखल के बाद भ्रष्टाचारियों पर चला हथौड़ा
सिंगरौली : नगर निगम में उपयंत्री को निलंबित कर कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री के साथ अन्य अधिकारियों का प्रभार छिनने की कार्रवाई से नगर निगम में जहां चर्चा का विषय बना हुआ है। वही माना जा रहा है कि सिंगरौली नगर निगम के इतिहास में अब तक की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। हालांकि इस कार्रवाई का श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। किन्तु ननि अध्यक्ष देवेश पाण्डेय का सख्त तेवर भ्रष्टाचारियों पर भारी पड़ा है।
नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 32 शिवाजी कॉम्प्लेक्स परिसर में पाइप लाइन के कार्य में फर्जीवाड़ा करने के मामले में पिछले दिनों परिषद की बैठक में जांच रिपार्ट के आधार पर ननि अध्यक्ष देवेश पाण्डेय के अनुमति उपरांत ननि आयुक्त डीके शर्मा ने साहस जुटाते हुये उपयंत्री अनुज सिंह को निलंबित करने की कार्रवाई से अवगत कराते हुये प्रभारी सहायक यंत्री पीके सिंह को स्टोर के साथ-साथ अन्य पदों के प्रभार से मुक्त करने की कार्रवाई कर एमआईसी के पाले में अग्रिम कार्रवाई के लिए पत्र भेज दिया था। वही कार्यपालन यंत्री व्हीपी उपाध्याय, सहायक यंत्री दिनेश तिवारी एवं लेखाधिकारी का प्रभार छिनने की कार्रवाई की गई। आरोप है कि 38 लाख रूपये क ी लागत से पाइप लाइन का कार्य कराना था। किन्तु शिकायत मिलने पर दो बार जांच हुई केवल 7 लाख 14 हजार रूपये का कार्य मिला और मूूल्यांकन 38 लाख रूपये का कर भुगतान किया। उपयंत्री ने कार्य के मूल्यांकन में जहां फर्जीवाड़ा किया। वही प्रभारी सहायक यंत्री ने पीके सिंह उपयंत्री से दो कदम आगे निकल गए थे।
अध्यक्ष ने पार्षदों के साथ किया था कार्यस्थल का निरीक्षण
जानकारी के मुताबिक शिवाजी कॉम्प्लेक्स नवजीवन बिहार ने सिवरेज पाइप लाइन में फर्जीवाड़ा करने की शिकायत मिलने पर ननि अध्यक्ष देवेश पाण्डेय ने 21 जून को करीब डेढ़ दर्जन पार्षद एवं ननि आयुक्त डीके शर्मा के साथ कार्यस्थल का निरीक्षण किया था। आयुक्त ने जांच टीम गठित कर प्रतिवेदन मांगा। ठेकेदार के अनुसार दो जांच 3 एवं 25 जुलाई को प्रस्तुत की गई। जिसमें दोनों में गड़बड़ी मिली। चर्चा है कि अध्यक्ष के कड़े तेवर के बाद भ्रष्टाचारियों पर पहली दफा इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है। अध्यक्ष के इस कड़े तेवर से ननि के कथित भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मचा है और ननि आयुक्त के साहस को भी लोग दाद दे रहे हैं।