एक मंत्री के दबाव में स्थानांतरित एसी ट्रायवल को किया मुक्त
नवभारत न्यूज
सिंगरौली 5 सितम्बर। प्रदेश सरकार आदिवासियों के हितैसी होने का खूब ढिढोरा पीटती है। आदिवासियों के कल्याण के लिए अनेकों योजनाए संचालित की है। लेकिन आदिवासी के कल्याण करने का अहम माने जाने वाला दफ्तर मुखिया विहीन हो चुका है। ऐेसे में आदिवासियों के कल्याण संबंधी योजनाओं को कितना क्रियान्वयन होगा। इसी के अंदाजा लगाया जा सकता है।
हम बात कर रहे हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त का जहां करीब एक सप्ताह से मुखिया विहीन हो चुका है। जानकारी के लिए बता दे कि यहां पूर्व में पदस्थ एसी ट्रायवल संजय खेड़कर का ग्वालियर के लिए तबादला हो गया था। लेकिन कलेक्टर के हस्तक्षेप पर भारमुक्त नही किया था। किन्तु चर्चा है कि एक मंत्री के दखल के बाद संजय खेड़कर को भोपाल से ही एक तरफा भारमुक्त कर दिया गया। बताया जाता है कि मंत्री कुछ मामलों को लेकर बेहद नाराज थी। अब एसी ट्रायवल का प्रभार जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास राजेशराम गुप्ता को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। डीपीओ की कार्यप्रणाली जगजाहिर है। इनके काले कारनामों के जांच का पत्र ईओडब्ल्यू से भी जा चुका है। डीपीओ पर मेहरवाही लोगों के समझ से परे है।