सियासत
भाजपा के सदस्यता अभियान को खुद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मॉनिटर कर रहे हैं. इस वजह से भाजपा के नेता खास तौर पर सदस्यता अभियान को लेकर सतर्क हैं. शनिवार और रविवार को मुख्यमंत्री इंदौर में थे यहां भी उन्होंने सदस्यता अभियान की चर्चा भाजपा नेताओं और विधायकों से की. मुख्यमंत्री ने सदस्यता अभियान को नेताओं की जनाधार की कसौटी से जोड़ दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि जो भाजपा नेता कमजोर क्षेत्र में अधिक से अधिक सदस्य बनाएंगे उन्हें सत्ता में भागीदार बनाने के संबंध में गंभीरता से विचार किया जाएगा. यही वजह है कि इस बार भाजपा के संगठन चुनाव और सदस्यता अभियान अलग लेवल पर दिख रहे हैं.
इस मामले में संगठन भी पूरी तरह से गंभीर है. प्रदेश में भाजपा के सदस्यता अभियान को लेकर पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में कार्यशाला भी आयोजित की गई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भाजपा को हमेशा नसीहत रही है कि आदिवासी और दलित अंचल में खास तौर पर ध्यान दिया जाए. इसी को देखते हुए भाजपा का आदिवासी अंचल में सदस्यता बनाने को लेकर अधिक फोकस है.
दरअसल, लगातार दो विधानसभा चुनाव से आदिवासी अंचल में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली है. 2018 में तो काफी नुकसान हुआ था लेकिन 2024 में भी भाजपा 2008 और 2013 का अपना पुराना प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई. इस वजह से खासतौर पर भाजपा का नेतृत्व चाहता है कि आदिवासी अंचल में सदस्यता अभियान पूरी ताकत के साथ चलाया जाए. मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के साथ ही प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद खासतौर पर आदिवासी अंचल पर ध्यान देंगे.