सैंपल की जांच में देरी, कैसे कसे मिलावट पर शिकंजा
जबलपुर। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमें प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर रही हैं, रक्षाबंधन पर्व को लेकर प्रतिष्ठानों की जांच भी तेज हो गई हैं। हर दिन अमला दुकानों में धमक रहा हैं और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच के साथ खाद्य सामग्री के नमूने भी लिए जा रहे है। फल एवं सब्जी के नमूने भी लिए जा रहे है इन नमूनों को विशेष प्रयोगशाला भोपाल एवं इंदौर भेजे जा रहे हैं लेकिन यह छापेमारी महज दिखावा साबित हो रही है ऐसा इसलिए क्योंकि नूमनों की जांच में हो रही देरी के चलते मिलावट पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है। अप्रैल माह से अब तक भोपाल-इंदौर लैब में भेजे गए करीब 400 नमूनों की जांच अटकी हुई है जिसके चलते मिलावट पर लगाम नहीं कस पा रही हैं।
एक नजर में
.. अप्रैल माह से अब तक 250 खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच। .. 700 नमूने, रेगुलेटरी एवं सर्विलांस नमूने भोपाल भेजे गए।
…फल एवं सब्जी के 49 नमूने विशेष प्रयोगशाला भोपाल एवं इंदौर भेजे गए।
…पीडीएस, मिड डे मील व आंगनबाड़ी से भी नमूने संग्रहित किये गये हैं।
..अप्रैल माह से अब तक मात्र 300 नमूनों की रिपोर्ट आई, 400 नमूनों की रिपोर्ट रूकी हुई है।
लैबों में बल की कमी
खाद्य विभाग से जुड़े सूत्र बताते है कि नूमने भोपाल, इंदौर लैब भेजे जाते है लेकिन यहां बल की कमी होन के चलते नमूनों की रिपोर्ट आने में काफी देरी हो जाती है। रिपोर्ट अटकी रहती है जिसके चलते आगे की कार्रवाई भी रूकी रहती हैं। पर्वों के दौरान नमूनों की सख्या कई गुना बढ़ जाती है ऐसे में यह दोनों लैब दूसरी अनुबंध लैबों में सैंपल भेज देती है। ऐसे में रिपोर्ट आने में काफी देरी हो जाती है।
महिनों बाद आ रही रिपोर्ट
नूमनों की रिपोर्ट आने में 10 से 15 दिन काफी होते हैं परंतु इन लैबों में नूमनों का अधिक भार होने के चलते 15
दिन में मिलने वाली रिपोर्ट की जांच अटकी रहती है ऐसे में संबंधित जिले तक पहुंचने में जांच रिपोर्ट को महीनों लग जाते हैं।
पास या फेल, नहीं उठता पर्दा
त्योहारों के समय खाद्य एवं सुरक्षा प्रशासन ताबड़तोड़ अंदाज में कार्रवाई करता है प्रतिष्ठानों से नूमने लेने के बाद लैब भेज दिए जाते है परंतु यह नमूने पास है या फेल हो गए इस राज से कोई पर्दा नहीं उठाता है। अधिकांश कार्रवाई सिर्फ नूमने लेने तक ही सीमित रह जाती हैं।
34 प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत
अप्रैल माह से अब तक खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 नियम एवं विनियम 2011 के प्रावधानों के उल्लंघनों पर सिर्फ 34 प्रकरण सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं।
जबलपुर संभाग में सिर्फ दो मोबाइल लैब
जबलपुर सम्भाग में मात्र 2 मोबाइल लैब हैं जिसमें एक जबलपुर और छिंदवाड़ा में चल रही है। डुमना रोड पर लैब पूरी तैयार है यहां उपकरण आ गए है लेकिन अब तक यहां स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो पाई हैं।
इनका कहना है
नूमनों की रिपोर्ट आने में 15 से 20 दिन लगते है पर्र्वों के समय लैब में अधिक सैंपल हो जाते है जिसके चलते यहां से नमूने अनुबंध लैब में भेज दिए जाते है ऐसे मेेंं रिपोर्ट आने में देरी होती है। अप्रैल माह से अब लगभग 300 रिपोर्ट आई है 400 की रिपोर्ट आना बाकी है। कार्रवाई में रूकावट नहीं आती है केस लगाने में एक साल का समय रहता हैं।
पंकज श्रीवास्तव, खाद्य सुरक्षा अधिकारी