ग्वालियर: श्री सनातन धर्म मंडल चुनाव को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब आजीवन सदस्य ओमप्रकाश जाजोरिया ने चुनाव को लेकर लगाई आपत्ति को निरस्त किए जाने को नियम विरुद्ध करार दिया है और इसके खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही है। उनके इस निर्णय का सनातन धर्म मंडल से जुड़े कई अन्य सदस्यों ने भी समर्थन किया है। यदि यह विषय कानूनी पचड़े में फंसता है तो विवाद बढ़ सकता है और चुनाव प्रक्रिया बाधित हो सकती है।उल्लेखनीय है कि आजीवन सदस्य ओमप्रकाश जाजोरिया ने प्रधानमंत्री और अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के खिलाफ अहर्ता संबंधी नियम का हवाला देते हुए आपत्ति दर्ज कराई थी। आपत्ति में उस नियम का हवाला दिया गया था जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुसार इन दोनों पदों पर वही व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है जो तीन बार कार्यकारिणी सदस्य या पदाधिकारी रहा हो।
जाजोरिया के अनुसार चूंकि अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरे विजय गोयल तथा प्रधानमंत्री पद पर खड़े हुए रमेश गोयल इस अहर्ता को पूर्ण नहीं करते हैं अतः उनका पर्चा निरस्त होना चाहिए। 4 अगस्त को इस आपत्ति सहित अन्य आपत्तियों का निराकरण होना था। चुनाव अधिकारी अरविंद दूदावत और उनके चार सहयोगियों राजकुमार गर्ग, राजेन्द्र शर्मा, राजीव अग्रवाल ,संजय गुप्ता ने काफी जद्दोजहद के बाद किसी भी आपत्ति को मान्य न करने की बात कहकर सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया था।
अपील खारिज होने और नाम वापसी का समय गुजरने के बाद चुनाव अधिकारी दूदावत ने चुनाव मैदान में उतरे दोनों ग्रुपों चक्रधर और सनातन ग्रुप के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए इस प्रकार चुनाव का रास्ता साफ हो गया।
उधर आपत्ति खारिज होने के बाद आजीवन सदस्य ओमप्रकाश जाजोरिया ने संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया को नियम विरुद्ध संचालित किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनकी आपत्ति सनातन धर्म मंडल के संविधान में निहित नियमानुसार ही थी और इसको संज्ञान में न लेकर निरस्त करना नियम विरुद्ध है । जाजोरिया ने कहा कि वे इसकी शिकायत कलेक्टर,पंजीयन कार्यालय सहित निर्धारित स्थान पर करेंगे और यहां सुनवाई नहीं हुई तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।