इंदौर:निम्न और मजदूर वर्ग के लिए प्रति महीने सरकारी राशन दिया जाता है. वह उनके जीवन यापन के लिए प्राप्त नहीं है क्योंकि बढ़ती महंगाई नहीं ने किसी भी वर्ग को नहीं छोड़ा है.गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिताने वाले लोगों के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कूपन से सरकारी राशन प्रदान किया जाता है. प्रति महीने मिलने वाले राशन में गेंहूँ, चावल और नमक की थैली दी जाती है. जबकि जीवन गुजारने के लिए इसके अलावा राशन की कई सामग्री लगती है जिनकी कीमत वर्तमान स्थिति में आसमान छू रही है. सोयाबीन से लेकर खोपरे का तेल महंगा हो चला है.
आटा, दालें व मसाले की कीमत भी पिछले 8 सालों से तिगुनी हो गई हैं. जिसको लेकर मजदूर वर्ग ने अपनी चिंता जताते हुए बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें निम्न और मजदूर वर्ग रोजगार योजना बनाते हुए आर्थिक स्थिति सुधारने की योजना बनाए. देखने में यह आया है कि मजदूर वर्गों के लिए मजदूरी के विकल्प खत्म होते जा रहे हैं क्योंकि यहां व्यापारियों से जुड़े होते हैं और वर्तमान स्थिति में बाजार में काफी मंदी देखने को मिल रही है.
इनका कहना है.
सरकारी राशन से जो सहयोग प्राप्त होता है. हर इंसान के साथ ही कई खर्च जुड़े होते हैं दुख-सुख बीमारी यात्रा त्योहार जिसके लिए निम्न और मजदूर वर्ग के लिए रोजगार योजना चलना चाहिए.
– रमेश तलरेजा
मिलने वाले राशन से परिवार की पूर्ति नहीं हो पाती. इसके अलावा भी कई तरह के राशन घर की बड़ी जरूरत होती है जिनके दाम आसमान छू रहे हैं सरकार को महंगाई कम करना चाहिए.
– गोपाल सोलंकी
शहर में काम कम और मजदूर ज्यादा हो चुके हैं. एक दिन का मिलता है तो दो दिन बैठे रहना पड़ता है. सरकार इतनी योजना चलाती है तो हमारे स्तर को बढ़ाने का भी सोचना चाहिए.
– कामेश कुमार