नयी दिल्ली, (वार्ता) स्टेनलेस स्टील निर्माता कंपनी जिंदल स्टेनलेस ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के साथ साझेदारी के तहत अपने कर्मचारियों के लिए इस्पात प्रौद्योगिकी में पूरी तरह से प्रायोजित दो-वर्षीय एम.टेक. पाठ्यक्रम के दूसरे बैच की शुरुआत की है।
कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि प्रायोजित पाठ्यक्रम नई प्रक्रियाओं और तौर-तरीकों के ज़रिये कामकाज को बेहतर बनाने, और टिकाऊ व विश्व स्तरीय उत्पाद बनाने की क्षमता को सुढृढ़ करने के लक्ष्यों के अनुरूप है। लौहे और स्टील निर्माण तकनीक के बारे में कर्मचारियों को गहन ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से विशेष रूप से तैयार किया गया यह पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को उद्योग से जुड़े नए तौर-तरीकों से अवगत रखने पर केंद्रित है। इस प्रायोजित पाठ्यक्रम में नामांकन कराने के लिए पात्रता मानदंडों में जिंदल स्टेनलेस या इसकी सहायक कंपनियों में कम से कम तीन साल काम करने का अनुभव, मैकेनिकल या धातुकर्म में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ बी.टेक की डिग्री, और कंपनी में निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन शामिल है।
जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने इस बारे में कहा, “यह पहल मार्केट रुझानों का पूर्वानुमान लगाने और इस मामले में अग्रणी बने रहने के लिए कर्मचारियों को विशेष ज्ञान प्रदान करने व कुशल बनाने के हमारे कंपनी के दीर्घकालिक लक्ष्य के अनुरूप है। जिंदल स्टेनलेस कर्मचारियों पर निवेश करने और निरंतर सीखने व नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने में विश्वास करती है। भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ सहयोग करके, हमें विश्वास है कि हम न केवल अपने ज्ञान और योगदान को बढ़ाएंगे, बल्कि भारतीय स्टेनलेस स्टील उद्योग की गरिमा को भी ऊपर उठाएंगे।”
पहले बैच के कर्मचारी फिलहाल अपने ‘थीसिस’ प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। फिलहाल दोनों बैच में कुल 11 कर्मचारियों ने दाखिला लिया है। पाठ्यक्रम के सफलतापूर्वक समाप्त होने पर, कर्मचारियों के ‘जॉब रोटेशन’ पर विचार किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें अपने शोध निष्कर्षों और अध्ययन के लिए सही अवसर मिलें।
यह स्टेनलेस स्टील उद्योग में अपनी तरह की अनूठी साझेदारी है और इससे विनिर्माण प्रक्रिया के हर स्तर पर दक्षता में सुधार होने की उम्मीद है। इस पहल से गुणवत्ता, लागत, प्रदर्शन के मामले में नए विचार और तौर-तरीके उभर कर सामने आएंगे। जिंदल स्टेनलेस ने हमेशा भारतीय स्टेनलेस स्टील विनिर्माण को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए इस तरह की उद्योग-अकादमिक साझेदारी की हैं। कंपनी इस तरह के सहयोग के माध्यम से अध्ययन की हमेशा जारी रहने वाली संस्कृति को बढ़ावा देती है। कंपनी की स्टेनलेस अकेडमी नामक पहल का उद्देश्य छात्रों के साथ-साथ फैब्रिकेटरों को स्टेनलेस स्टील के बारे में जागरूकता प्रदान करना है। स्टेनलेस अकेडमी पहल के तहत जिंदल स्टेनलेस ने ओडिशा और हरियाणा के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सभी शाखाओं में स्टेनलेस स्टील को एक वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में पेश किया है। इसके अलावा, कंपनी ने कई आईआईटी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची, भारतीय इंजीनियरिंग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, शिबपुर समेत सात प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में सभी धातुकर्म पाठ्यक्रमों के लिए स्टेनलेस स्टील को एक वैकल्पिक विषय के रूप में पेश किया है।