जबलपुर। सक्रिय हुए तगड़े मानसूनी सिस्टम से बादल मेहरबान है। सावन में बारिश की झड़ी लगी हुई है। मौसम प्रणालियों के असर से रविवार को भी मौसम की रंगत बदली रही। सुबह से ही बारिश की झड़ी लगी रही। बीच-बीच में सूर्यदेव निकलने को बेताब भी हो रहे थे लेकिन बादलों के पहरे के सामने सूर्यदेव ठंडे पड़े रहे। सुबह से शुरू हुआ बारिश का क्रम रात तक रूक-रूककर जारी रहा। कभी रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश से शहर तरबतर होता रहा। बारिश से जनजीवन भी प्रभावित हुआ। चौबीस घंटे में 23.4 मिमी बारिश दर्ज हुई। सीजन में अब तक 601.2 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है।
यह सिस्टम है सक्रिय
मौसम विभाग के अनुसार मानसून ट्रफ माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई तक बीकानेर, कोटा, दमोह, पेण्ड्रा रोड़, बालासोर से होकर दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी तक गुजर रही है। उत्तरी छत्तीसगढ़ के ऊपर माध्य समुद्र से 7.6 किमी की ऊंचाई तक दक्षिण पश्चिम की ओर झुकते हुए एक चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है। वहीं विरुपक हवाओ का क्षेत्र पर माध्य समुद्र तल से 3.1 और 7.6 किमी के बीच ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुकाव के साथ अवस्थित है। दक्षिण गुजरात से लेकर उत्तरी केरल तटों तक माध्य समुद्र तल पर अपतटीय ट्रफ अवस्थित है।
आज खोले जायेंगे बरगी बान्ध के सात गेट
रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध के जल स्तर को नियंत्रित करने सोमवार दोपहर एक बजे इसके इक्कीस में से सात जलद्वारों को औसतन 1.07 मीटर ऊंचाई तक खोला जायेगा और इनसे 35 हजार 552 क्यूसेक (घनफुट प्रति सेकंड) पानी की निकासी की जायेगी। परियोजना प्रशासन ने अलर्ट जारी कर बांध के निचले क्षेत्र के निवासियों से नर्मदा तट एवं घाटों से सुरक्षित दूरी बनाये रखने की अपील की है।
बांध 62 प्रतिशत भर चुका
कार्यपालन यंत्री बरगी बांध अजय सूरे के अनुसार जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण बांध का जलस्तर रविवार सुबह 9 बजे 418.15 मीटर हो गया है और बांध 62 प्रतिशत भर चुका है। वर्तमान में बाँध में 2 हजार 144 घन मीटर प्रति सेकण्ड जल की आवक हो रही है।
नर्मदा के जलस्तर में 10 फुट बढ़ोतरी होगी
कार्यपालन यंत्री ने बताया कि बांध के जलद्वार खोले जाने से नर्मदा के जलस्तर में 8 से 10 फुट की बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बांध के निचले क्षेत्र के निवासियों से नर्मदा तट से सुरक्षित दूरी बनाए रखने तथा डूब क्षेत्र में प्रवेश न करने का अनुरोध किया है।