भोपाल, 24 जुलाई (वार्ता) मौसम वैज्ञानिकों ने मौसम की गतिविधियों के मद्देनजर मध्यप्रदेश के अधिकांश स्थानों पर अति भारी वर्षा और अनेक स्थानों पर भारी वर्षा अगले चौबीस घंटों के दौरान होने के आसार हैं।
मध्यप्रदेश में कई दिनों से बारिश की सिलसिला बनी हुई है। बीते चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश के भोपाल सहित इंदौर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, शहडोल, सागर संभागों के जिलों में अधिकांश वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा उज्जैन संभाग में आने वाले कुछ स्थानों पर तथा चंबंल संभाग में आने वाले अनेक स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई।
भोपाल स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है कि मानसून की गतिविधियों के अनुरुप प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर अति भारी की संभावना है। उन्होंने बताया कि बड़वानी, अलीराजपुर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, श्योपुर, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छतरपुर और निवाड़ी जिले में अति भारी वर्षा हो सकती है। इन स्थानों पर अनुमान है कि 115़ 6 से 204़ 4 मिमि वर्षा हो सकती है।
इसके अलावा राज्य के विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, झाबुआ, धार, नीमच, ग्वालियर, मुरैना, सीधी, सतना, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, टीकमगढ़, मैहर और पांढुर्णा जिले में अनेक स्थानों पर भारी वर्षा के आसार हैं। इन स्थानों पर 64़ 5 से 115़5 मिमि वर्षा हो सकती है। मौसम की गतिविधियों के मद्देनजर इन स्थानों को यलो अलर्ट में रखा गया है।
वैज्ञानिकों की माने तो राजधानी भोपाल समेप राजगढ़, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगरमालावा, मंदसौर, भिंड, सिंगरौली रीवा और मऊगंज जिले में कुछ स्थानों पर गरज चमक की स्थिति के साथ बारिश होने के अनुमान है।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी मध्यप्रदेश, विदर्भ और पश्चिमी मध्यप्रदेश उप संभागों के क्षेत्रों में (अशोकनगर, मध्य मुरैना, दक्षिण श्योपुरकलां, उत्तरी सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, कटनी, उमरिया, उत्तरी जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, शहडोल और निकटवर्ती सीधी, पश्चिमी अनुपपूर, दक्षिण-पूर्व बड़वानी और निकटवर्ती दक्षिण-पश्चिम खरगोन) में हल्की से मध्यम बाढ़ की संभावना है।
प्रदेश की राजधानी सुबह में हल्की वर्षा दर्ज की गई। इसके बाद आसमान मेघमय बना रहा। अगले चौबीस घंटों के दौरान भोपाल एवं निकटर्वी स्थानों पर गरज चमक की स्थिति के बीच एक से दो बार तीव्र वर्षा होने की संभावना है।