जाम नाली चारो तरफ गंदगी बनी हाऊसिंग बोर्ड कालोनी की पहचान, विभागीय अधिकारियों से कई बार शिकायत के बाद भी समस्याओं का नही हुआ निदान
सीधी :कोई तो सुन ले… हाउसिंग बोर्ड कालोनीवासी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। जाम नाली, तरफ गंदगी हाउसिंग बोर्ड कालोनी की पहचान बनी हुई है। विभागीय अधिकारियों से कई बार स्थानीय रहवासियों की शिकायत के बावजूद भी समस्याओं का निदान नहंी हो रहा है।शहर के वार्ड क्रमांक 12 में मुख्य सडक़ के किनारे हाउसिंग बोर्ड कालोनी की बसाहट है। प्लाट बेंचने के दौरान हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों द्वारा बड़े-बड़े वायदों सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिये किये जाते हैं। कालोनी में व्यवस्थित नाली, सीवेज लाईन, स्ट्रीट लाईट एवं पेयजल के लिये नल-जल सप्लाई लाईन की जिम्मेदारी हाउसिंग बोर्ड विभाग की है।
इसके लिये प्लाट बिक्री करने के दौरान सभी सुविधाओं के लिये कीमतें निर्धारित करके ली जाती हैं। विडम्बना यह है कि पॉश कालोनी के रूप में बसाहट कराने का वायदा करने वाले हाउसिंग बोर्ड के जिम्मेदार अधिकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के मामले में पूरी तरह से गैर जिम्मेदार है। कालोनी के रहवासियों का कहना है कि नालियों एवं सीवेज लाईन का निर्माण कराने के बाद इनकी साफ-सफाई कराने की जरूरत करीब पांच साल से नहीं समझी जा रही है। लिहाजा नालियों एवं सीवेज लाईन के जाम हो जाने से लोगों को भारी समस्याएं उठानी पड़ रही हैं। कई घरों में तो सीवेज लाईन के जाम हो जाने से मल की निकासी भी नहीं हो पा रही है। ऐसे घरों में रहने वालों को विभागीय अधिकारियों से बार-बार शिकायतें करनी पड़ रही हैं, फिर भी समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो पा रहा है। इसी तरह स्ट्रीट लाईट व्यवस्था भी पूरी तरह से ठप्प पड़ी है।
स्ट्रीट लाइट के अभाव में कालोनी में छाया रहता है अंधेरा
हाउसिंग बोर्ड कालोनी में स्ट्रीट लाईटों के बिगडऩे के कारण शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है। स्ट्रीट लाईटों के बिगडऩे की शिकायत करने के बाद भी उनका सुधार कराने की जरूरत नही समझी जाती। सीधी कार्यालय द्वारा अधिकांशत: स्ट्रीट लाईट से संबंधित सामग्री का अभाव बताया जाता है। इसकी व्यवस्था सिंगरौली मुख्य कार्यालय के माध्यम से होनी चाहिये, जिसको लेकर जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह से निष्क्रिय बने हुये हैं। इसका खामियाजा यहां के रहवासियों को भुगतना पड़ रहा है।
शिकायतों को महत्व नहीं देते बोर्ड के जिम्मेदार अधिकारी
हाउसिंग बोर्ड विभाग का मुख्य कार्यालय सीधी से सिंगरौली स्थानांतरित हो चुका है। सीधी में केवल एक अधिकारी बैठते हैं। स्थानीय लोगों की शिकायतों का निराकरण कराने में स्थानीय अधिकारी पूरी तरह से हांथ खड़ा कर लेते हैं। वहीं सिंगरौली मुख्य कार्यालय में बैठने वाले अधिकारी भी शिकायतों के निराकरण को महत्व नहीं देते हैं। शिकायत सुनन के बाद विभागीय अधिकारी गोलमाल जवाब देते हैं और कार्यवाई कुछ भी नहीं करते।
इनका कहना है
हाउसिंग बोर्ड कालोनी में साफ-सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प है। नालियों की साफ-सफाई सालों से नहीं हुई, लिहाजा गंदा पानी चारों तरफ फैलने से यहां के रहवासियों को नरकीय जीवन जीने की मजबूरी है। वर्तमान में बरसात का सीजन है, चारों तरफ भीषण गंदगी के चलते मच्छरों का भारी प्रकोप बना हुआ है।
हितेन्द्र सिंह चौहान, निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी सीधी
हाउसिंग बोर्ड कालोनी ने यह नियम बनाकर रखा है कि यहां साफ-सफाई, स्ट्रीट लाईट, पेयजल व्यवस्था वह सुनिश्चित करेगी। बोर्ड के जिम्मेदार अधिकारी लगातार शिकायतों के बावजूद साफ-सफाई की व्यवस्था सालों से नहीं करा रहे हैं। नालियां और सीवेज जाम है। स्थिति यह है कि सीवेज के जाम होने से मल की निकासी नहीं हो पा रही है। उनके द्वारा स्वत: सिंगरौली एवं सीधी में बैठने वाले अधिकारी से कई बार शिकायत की गई कोई कार्रवाई नहीं होती।
अजय चतुर्वेदी, निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी सीधी
हाउसिंग बोर्ड कालोनी में रहने वाले लोगों को विभागीय अधिकारियों की मनमानी के चलते मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। साफ-सफाई, स्ट्रीट लाईट, नालियों के चोक होने से सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है।
राजेन्द्र सिंह गहरवार, निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी