खरगोन: आदिवासियों को जल. जंगल, जमीन पर अधिकार दिलाने के उद्देश्य से लागू किया गया पेसा एक्ट ग्रामसभा के सार्थक परिणाम सामने आ रहे है। जिले में आदिवासी की कब्जाई जमीन को पेसा एक्ट ग्रामसभा ने वापस दिलाने में सफलता हासिल की है। इसके लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित किया गया। जनपद सेगांव के ग्राम पंचायत दोमवाड़ा की दोमवाड़ा पेसा एक्ट ग्रामसभा ने आदिवासी की कब्जाई जमीन को वापस दिलाने हेतु प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित किया।
मिली जानकारी अनुसार ग्रामसभा में अपीलकर्ता भावसिंग पिता नानसिंग जाति भिलाला की कृषि जमीन खसरा 75/1 का रकबा 1.8210 को मेघन पिता मोहन, सजन बाई पति मोहन, सीताराम पिता भिलिया, उमेश पिता राजाराम जाति गवली द्वारा जबर्दस्ती कब्जा कर रखने की शिकायत की थी। ग्रामसभा दोमवाड़ा ने ग्रामसभा समिति, ग्राम पटेल, ग्राम कोटवार, महिला और वरिष्ठ बुजुर्ग आदि की उपस्थिति में सर्वसम्मति से भूमिस्वामी भावसिंग रूमसिंग पिता नानसिंग जाति भिलाला के पक्ष में फैसला सुनाया।
विवादास्पद मामले को ग्रामसभा ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खरगोन की ओर कार्यवाही हेतु प्रेषित करने के लिए ग्रामसभा पंचायत सचिव को प्रस्ताव की कापी व आवश्यक दस्तावेज दिए। इससे कुछ दिनों पूर्व इसी ग्राम पंचायत की भिकारखेड़ी पेसा एक्ट ग्रामसभा गैर आदिवासी मुस्तफा द्वारा कब्जाई जमीन भूमिस्वामी राधीबाई जाती भिलाला को वापस दिलाने का प्रस्ताव पारित किया। उसके बाद जिले में एक के बाद एक कब्जाई जमीन के मामले सामने आने लगे है। ग्रामसभा में ग्रामसभा की कार्यवाही को देखने और सीखने के लिए आसपास की 12 पंचायतों से पेसा मोबिलाइजर भी उपस्थित हुए। ग्रामसभा की कार्यवाही के मार्गदर्शन हेतु ग्रामसभा ने पेसा एक्ट जिला समन्वयक मनीष डुडवे और ब्लॉक समन्यवक करण डावर को आमंत्रित किया। जहा समन्वयक द्वारा पेसा नियम को साझा किया गया।