सियासत
लगता है पीसीसी चीफ जीतू पटवारी वरिष्ठ नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डालकर आइसोलेट करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि उनकी कोशिश है कि पीसीसी में अधिकांश 50 वर्ष तक के नेताओं को शामिल किया जाए। इसका मतलब यह हुआ कि अरुण यादव, अजय सिंह, सज्जन सिंह वर्मा जैसे नेता या तो बाहर हो जाएंगे या उनका महत्व कम हो जाएगा। दरअसल,प्रदेश कांग्रेस में नई कार्यकारिणी का गठन किया जा रहा है। कार्यकारिणी में पदों को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी नए और युवा चेहरों को कार्यकारिणी में जगह देना चाहते हैं।
जबकि कांग्रेस के सीनियर नेता प्रदेश अध्यक्ष पटवारी के इस निर्णय से खुश नहीं है। कई बड़े नेता खुद भी कार्यकारिणी में शामिल होना चाहते हैं, तो कुछ अपने लोगों को जगह दिलवाना चाहते हैं। इसे लेकर कई नेता दिल्ली तक पहुंच चुके हैं। और लगातार हाई कमान से अपने लोगों को कार्यकारिणी में शामिल करने की गुहार लगा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि जीतू पटवारी की चलती है या हाई कमान इस पर कुछ निर्णय लेता है।
जीतू पटवारी इस बार की प्रदेश कार्यकारिणी में कसावट के साथ अच्छे पदाधिकारियों को रखना चाहते हैं जो 2028 तक पार्टी के लिए लगातार मेहनत कर सकें और कांग्रेस को एक बार फिर चुनाव लड़ने के योग्य बना सकें। लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली तक दस्तक देना शुरु किया है उसके बाद से प्रदेश कार्यकारिणी बनाने में कांग्रेस हाई कमान को दिक्कतें हो रही हैं और वो एक बार फिर पार्टी के नेताओं के साथ रायशुमारी करने की योजना तैयार कर रहा है। दिल्ली हाई कमान चाहता है कि कार्यकारिणी बने तो उसमें किसी प्रकार के विवाद की गुंजाइश न रहे लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति देखने को मिल रही है उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि नई कार्यकारिणी को लेकर कांग्रेस में बड़े विवाद की स्थिति बनने वाली है। हालांकि अमरवाड़ा उपचुनाव हारने के कारण जीतू पटवारी की राजनीतिक स्थिति कमजोर हुई है।