नयी दिल्ली, (वार्ता) सरकार ने बुधवार को कहा कि उपभोक्ता मामलों के विभाग की ओर से उठाए गए कदमों के परिणामस्वरूप उड़द के बाजार-भाव में कमी आ गई है साथ ही खरीफ फसलों की बुवाई के मौजूदा दौर में उड़द की खेती का रकबा भी बढता दिख रहा है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार सरकार की पहलों के कारण 06 जुलाई को इंदौर और दिल्ली के बाजारों में उड़द की थोक कीमतों में साप्ताहिक आधार पर क्रमशः 3.12 प्रतिशत और 1.08 प्रतिशत की गिरावट दिखी गयी है।
सरकार का कहना है कि घरेलू कीमतों के अनुरूप, आयातित उड़द की कीमतों में भी गिरावट का रुख है।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता की दृष्टि से सरकार ने प्रभावी सक्रिय कदम उठाए हैं, साथ ही किसानों को उनकी उपज का पर्याप्त मूल्य मिले, यह भी सुनिश्चित किया गया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि अच्छी बारिश होने की उम्मीद बढ़ने से मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उड़द उत्पादक राज्यों में अच्छी उपज होने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने कहा है कि पांच जुलाई तक उड़द की बुवाई का रकबा 5.37 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 3.67 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उड़द की बुवाई हुई थी।
नब्बे दिनों में उपज देने वाली इस फसल से इस साल खरीफ के मौसम में अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है।
सरकार का कहना है कि खरीफ की बुआई के मौसम से पहले, नेफेड और एनसीसीएफ जैसी सरकारी एजेंसियों की ओर से किए जाने वाले किसानों के पूर्व-पंजीकरण में उल्लेखनीय तेजी आई है।
ये प्रयास किसानों को खरीफ मौसम के दौरान दलहन उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करने की सरकार की रणनीति का हिस्सा हैं और इसका उद्देश्य इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
मंत्रालय के अनुसार अकेले मध्य प्रदेश में, उड़द उगाने वाले कुल 8,487 किसान पहले ही एनसीसीएफ और नेफेड के माध्यम से पंजीकरण करा चुके हैं।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य प्रमुख उड़द उत्पादक राज्यों में क्रमशः 2037, 1611 और 1663 किसानों का पूर्व-पंजीकरण हुआ है, जो इस दिशा में की जा रही पहल में व्यापक भागीदारी का संकेत है।
विज्ञप्ति के अनुसार नेफेड और एनसीसीएफ की ओर से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन उड़द की खरीद का काम प्रगति पर है।