जबलपुर: ग्रीष्मकालीन मूंग उड़द खरीदी को लेकर बनी उपार्जन नीति में संशोधन की मांग को लेकर जिले के किसानों ने भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों का घंटाघर के पास प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। भारतीय किसान संघ के प्रांत महामंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि मूंग उड़द खरीदी को लेकर बनी उपार्जन नीति में पिछले वर्ष 2023 की तुलना में इस वर्ष 2024 में जो बदलाव किये गये हैं। प्रदेश सरकार उपार्जन नीति में बदलाव कर किसानों को व्यापारियों के हाथों में लुटवाना चाहती है। यह अब किसान को स्पष्ट होने लगा है।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटेल ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर भृष्टाचार व मिलीभगत का आरोप लगाते हुये कहा कि फर्जी एफपीओ को मूंग खरीदी के लिये कूटरचित दस्तावेज के आधार पर केंद्र बनाया गया है। जिसमें शामिल लोग किसान की बजाय व्यापारी हैं। जिलाध्यक्ष मोहन तिवारी ने बताया कि 2023 की उपार्जन नीति में प्रति हैक्टेयर 16 क्विंटल मूंग खरीदी गई थी, जिसे कम करके प्रति हैक्टेयर 8 क्विंटल किया गया है। इसे पुन: 16 क्विंटल करने की मांग रखी है।
प्रतिदिन प्रति किसान 40 क्विंटल खरीदी सीमा रखी जाये। धर्मकांटा से तौल कराने की मांग, फर्जी एफपीओ केंद्र निरस्त करने के साथ देरी से शुरू हुई मूंग खरीदी की अंतिम तिथि भी बढ़ाने की मांग की है। किसान प्रदर्शन में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटैल, प्रदेश उपाध्यक्ष ओमनारायण पचौरी, प्रांत महामंत्री प्रहलाद सिंह पटैल, पुखराज सिंह चंदेल, जिलाध्यक्ष मोहन तिवारी, रामदास पटैल, सुनील पटेल, रीतेश पटैल, वीरेंद्र सिंह, धरम पटेल, दामोदर पटेल, गणेश तिवारी, जितेंद्र पटैल, नरेश मिश्रा, विनय पटेल, देवीदीन सेन, जागेष्वर काछी, भोलाराम पटैल, अमित पटैल, मलखान सिंह राजपूत, अतुल पटैल, वीरेंद्र साहू, सुरेश पटैल, राजेश पटेल मनू त्रिपाठी, गोवर्धन पटेल, तीरथ पटेल, संदीप अवस्थी, बाला पटेल सहित सातों तहसीलों के किसान उपस्थित थे।