अभियान चलाकर शिकायतों का संतुष्टि के साथ करायें गुणवत्तापूर्ण निराकरण: सोमवंशी

कलेक्टर ने समय-सीमा बैठक में अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश, सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के निराकरण पर दिया जोर

सीधी :सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के निराकरण की समीक्षा करते हुए अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी विभाग प्रमुखों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि अभियान चलाकर आगामी तीन दिवसों में अधिक से अधिक शिकायतों के निराकरण के प्रयास करें।अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने पर संबंधित एल-1 एवं एल-2 अधिकारियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि जो विभाग बी, सी और डी ग्रेड में है वह ए ग्रेड में आने के लिए प्रयास करें। निम्न गुणवत्ता वाले शिकायतों को रिओपन कर संतुष्टि पूर्ण निराकरण करें जिससे जिले की ग्रेडिंग में सुधार होगा। कलेक्टर ने 50 दिवस से अधिक लंबित शिकायतों को प्राथमिकता पर निराकृत कराने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि हमें सीएम हेल्पलाइन में दर्ज लम्बित शिकायतों का शत-प्रतिशत निराकरण करना है। सीएम हेल्पलाइन में बजट संबंधी कारणों, नीतिगत कारणों या सिविल अथवा उच्च न्यायालयों में प्रकरण लंबित होने जैसे कारणों से लंबित शिकायतों को छोडक़र शेष सभी प्रकार की लंबित शिकायतों का शत-प्रतिशत निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने शत-प्रतिशत हितग्राहियों को शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के उद्देश्य से जिले में संचालित शून्य शक्ति अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि अभियान की मॉनिटरिंग संबंधित क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करेंगें। शासन की हितग्राहीमूलक योजनाओं विशेषकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से सभी पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करना सुनिश्चित करें।कलेक्टर श्री सोमवंशी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को अभियान की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सेक्टर अधिकारियों को शासन की सभी योजनाओं की प्रगति पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक मे अपर कलेक्टर राजेश शाही, उपखण्ड अधिकारी कुसमी एस.पी.मिश्रा, मझौली आर.पी. त्रिपाठी सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

विभाग प्रमुख शिकायतों की करें नियमित समीक्षा
कलेक्टर ने निर्देशित किया कि सभी विभाग प्रमुख अपने विभाग से संबंधित शिकायतों की नियमित समीक्षा करेंगे तथा शिकायतों की संख्या के आधार पर प्रतिदिन शिकायतों के निराकरण का लक्ष्य निर्धारित करते हुए उनका गुणवत्तापूर्ण निराकरण सुनिश्चित कराएंगे। कोई भी शिकायत अन-अटेंडेड नहीं रहे तथा निम्न गुणवत्ता से बंद शिकायतों की संख्या न्यूनतम हो। उन्होंने विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से लेने तथा शिकायत का गुणवत्तापूर्ण निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

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