सात सौ करोड़ के अस्पताल में तांत्रिक कर रहे इलाज

प्रशासन को फुर्सत नहीं,गरीब तबका इलाज को मोहताज,सब जगह लंबी कतारें

खंडवा: अस्पताल का ढर्रा तीन बातों से समझिए। प्रशासन को 7 सौ करोड़ के अस्पताल की सुध लेने की फुर्सत नहीं। सिविल सर्जन को बड़े घोटाले के मामले में बुरहानपुर भेज दिया गया। इतने बड़े अस्पताल में सौ करोड़ सालाना वेतन वाले डाक्टर-नर्स व कर्मियों के बजाए पडि़हार और ओझा झाड़-फूंक से इलाज कर रहे हैं। मरीज मौत के मुंह में समा रहे हैं। तांत्रिक अस्पताल में भर्ती मरीज के पलंग तक पहुंच रहे हैं। मेडिकल कालेज व अस्पताल में गुटबाजी कर रहे हैं।
इन पर नकेल कसने वाला प्रशासन खुद की कुर्सी बचाने में लगा हुआ है। दो दिन पहले भी नवभारत ने खबर प्रकाशित की थी, जिसमें मरीजों व परिजनों की लंबी कतारें थीं। डाक्टरों की लापरवाही से गरीब मरीजों की जान पर बन आती है।
वीडियो सब उगल रहा
अस्पताल परिसर के मुख्य गेट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जो मंगलवार देर रात का बताया जा रहा है। खंडवा जिले के खालवा ब्लाक के ग्रामीण अंचल मातपुर गांव के एक मरीज कल्लू को, उसके परिजन पेट दर्द की शिकायत के बाद जिला अस्पताल इलाज के लिए लेकर आए। पहले उन्होंने झाडफ़ूंक पद्धति से मरीज का इलाज करवाया। इलाज में कथित देरी के चलते कुछ देर बाद ही मरीज की मृत्यु हो गई।
तात्रिक की निडरता
वीडियो में काले कपड़े पहने बैठा तांत्रिक मरीज के शरीर पर हाथ रखकर कुछ मंत्र पढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है, वहीं कुछ देर बाद इस झाड़ फूंक की पद्धति से इलाज कराने के बाद उसके परिजन मरीज को स्ट्रेचर पर लेटाकर अस्पताल परिसर के अंदर भर्ती करने ले जाते दिखाई दे रहे हैं।
नया नहीं यह सब
पहले भी कई घटनाएं ऐसी हो चुकी हैं। खालवा ब्लॉक मे लम्बे समय से अंधविश्वास हावी है। कई लोगों की जान भी जा चुकी है। ये झाड़ फूंक वाले बाबा अभी कुछ दिन पहले भी एक कुपोषित वाला मामला आया था उसमे भी बच्चे के इलाज के बजाय चाचुआ के दाग बाबाओ के चक्कर में लगा दिए थे। बालक अति गंभीर हो गया था। जिला प्रशासन की सतर्कता से मासूम का उपचार कर उसकी जान बचा ली गई थी।

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