ग्वालियर। हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 122 लोगों की मौत हो गई। जान गंवाने वालों में ग्वालियर की महिला भी शामिल है। 45 साल की रामश्री सिंह महिला मंडली के साथ सत्संग में शामिल होने गई थी। बुधवार को उत्तरप्रदेश पुलिस उनका शव लेकर ग्वालियर पहुंची। यहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
थाटीपुर जगजीवन नगर की रहने वाली रामश्री 45 पत्नी स्व. दयाल सिंह घर की मुखिया थीं। साल 2014 में पति के निधन के बाद वे ही घर को संभाले हुए थीं। परिवार में तीन बेटे व दो बेटियां हैं। किसी की भी शादी नहीं हुई है। रामश्री हर साल महिला मंडली के साथ भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने जाती थीं।
दो गाडिय़ों से ग्वालियर से करीब 12 महिलाएं सत्संग में हाथरस गई थीं। मंगलवार को हादसे के समय सभी महिलाएं एक साथ थी। अचानक वहां भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए लोग धक्का-मुक्की करने लगे। वहां बाबा के लोगों ने पीछे की तरफ धकेल कर वाटर कैनन से पानी की बौछार कर दी, जिसके बाद भगदड़ मच गई। इसी समय रामश्री महिला मंडली से बिछड़ गई। भगदड़ के बीच लोगों के पैरों के नीचे कुचलती चली गई।
भगदड़ की सूचना मिलते ही महिलाओं के परिजन एक-दूसरे को कॉल करने लगे। रामश्री के बेटे पंकज ने भी संपर्क किया। पता लगा कि उनकी मां लापता है। कुछ देर बाद पता लगा कि रामश्री की भगदड़ में कुचलने और दम घुटने से मौत हो गई है।
रामश्री के बेटे पंकज ने बताया वैसे तो वे हर बार सत्संग में जाती थीं, लेकिन इस बार जाते समय कई बार मुडक़र देखा था। वे यह कहते हुए गई थीं कि ख्याल रखना। जल्दी आ जाऊंगी।
रामश्री के साथ गई महिलाओं ने बताया जब तक सत्संग चल रहा था, तब तक हम साथ थे। जैसे ही बाबा के चरणों की धूल लेने भीड़ आगे बढ़ी, रामश्री बहन से हमारा साथ छूट गया और बाद में उनका शव ही मिला।