मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने दस दिनों से भटक रही मां बेटे

नया पोर्टल जटिल होने से बढ़ी परेशानी, काउंडटर भर लग रही भीड़

छिंदवाड़ा।जन्म प्रमाण पत्र बनावाने का नया पोर्टल कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। अस्पताल और नगर निगम पोर्टल में जटिल प्रकिया होने के कारण कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। काउंटर पर जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने लोगों की लगातार भीड़ बढ़ते जा रही है। तकरीबन दिनभर में 200 से अधिक आवेदक पहुंच रहे है। हालात यह है कि कर्मचारियों को लोगों की जली कटी बातें सुनना पड़ रही है। बता दें कि इसके पहले भारत सरकार का पोर्टल से प्रमाण पत्र बनवाए जाते थे। इसकी प्रक्रिया बहुत ही आसान भी। कर्मचारी दिन भर में 100 से 150 से प्रमाण प्रत्र आसानी से बनाकर दे देते थे। जब से पोर्टल को अपडेट किया है, तब से प्रक्रिया जटिल हो गई है। जानकारी के अभाव में काम धीरे धीरे हो रहे है। अस्पताल में दिन भर में चार से पांच प्रमाण पत्र ही बन पा रहे है। इस मामले में जब अस्पताल में हालात जाकर देखे तो वहां टेबल पर फाइलों में तकरीबन 2 हजार से अधिक आवेदन रखे हुए है। इसके बाद भी लोग लगातार काउंटर पर प्रमाण पत्र बनवाने पहुंच रहे है। प्रमाणपत्र बनाने आवेदन की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इन परेशानियों से कर्मचारी भी चिढ़-चिढ़े हो गए है। आवेदकों को एक ही बात बार बार समझानी पड़ रही है।

नए पोर्टल से में परेशानी

पूर्व के पोर्टल से जन्मप्रमाण पत्र एवं मृत्युप्रमाण पत्र बनते थे। इसमें नाम और सरनेम में सुधार कार्य आसानी से हो जाते थे। अब दिल्ली सरकार के अपडेट पोर्टल शुरू होने के बाद प्रक्रिया बहुत जटिल हो गई है। पोर्टल लांच करने के पहले कर्मचारियों को ट्रेनिंग तो दी गई है, लेकिन कर्मचारियों को ऑनलाइन प्रक्रिया समझने में परेशानी हो रही है।

दूर दूर से आ रहे ग्रामीण

शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों से लोग प्रमाण पत्र बनवाने पहुंच रहे है। जो काउंटरों पर दिन दिर भर खड़े रह रहे है। सोविन्द उइके अपनी मां के साथ प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचा था। वह पिछले एक महीने मे तकरीबन दस बार आ चुका है। जटिल प्रक्रिया होने के कारण कर्मचारियों पर भी प्रमाणपत्र बनाने का दवाब बढ़ते जा रहा है।

इनका कहना है…

गवर्मेंट ऑफ इंडिया ने पुराना पोर्टल बंद कर नया पोर्टल जारी किया है। इसमें जटिल प्रक्रिया होने के कारण दिक्कत जा रही है। इसमें कभी नेटवर्क की परेशानी तो कभी स्पीड कम हो जाती है। कर्मचारी परेशान हो रहे है। इस बात को लेकर पत्र व्यवहार कई बार किया जा चुका है।

एमके सोनिया, सिविल सर्जन छिंदवाड़ा।

————————————-

Next Post

कालोनाइजर को भुगतना पड़ा बड़ा खामियाजा

Tue Jul 2 , 2024
नगर निगम ने वसुधा इंफ्रास्टक्चर और त्रिवेणी अपार्टमेंट के खिलाफ की कार्रवाई छिंदवाड़ा । कालोनी विकास की अनुमति मिलने के बाद 90 लाख रूपए का आश्रय शुल्क अदा न करने का कालोनाइजर को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। नोटिस जारी करने के बाद नगर निगम ने दी गई विकास अनुमति […]

You May Like