नगर निगम ने वसुधा इंफ्रास्टक्चर और त्रिवेणी अपार्टमेंट के खिलाफ की कार्रवाई
छिंदवाड़ा । कालोनी विकास की अनुमति मिलने के बाद 90 लाख रूपए का आश्रय शुल्क अदा न करने का कालोनाइजर को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। नोटिस जारी करने के बाद नगर निगम ने दी गई विकास अनुमति को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही कालोनाइजर द्वारा तैयार किए गए 6 लैट भी बंधक बना लिए है। अवैध कालोनी को लेकर अब तक नगर निगम की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। नगर निगम कालोनी सेल के अधिकारियों ने बताया कि मेसर्स वसुधा इंफ्रास्ट्रक्चर, त्रिवेणी अपार्टमेंट को परतला में खसरा नं. 154/1/1, 154/251, 154/252 व 154/259 के कुल रकबा 0.8160 हैक्टयर में से 0.654 हेक्टयर भूमि पर आवासीय अपार्टमेंट की अनुमति दी गई थी। कालोनी विकास की अनुमति के लिए द्वितीय आश्रय शुल्क के रूप में उन्हें 90लाख 30हजार 402 रूपए जमा करने 4 माह का समय दिया गया था। लेकिन वसुधा इंफ्रास्टक्चर द्वारा अब तक राशि जमा नहीं की गई है। नोटिस के बाद भी राशि जमा न करने पर कार्रवाई की गई है। नगर निगम ने शहर वासियों से त्रिवेणी इंफ्रास्टक्चर की परतला साईड पर लैटों की बुकिंग न कराने की अपील जारी की है। विकास अनुमति निरस्त होने के बाद त्रिवेणी इंफ्रास्टक्चर अवैध कालोनी की श्रेणी में शामिल हो गया है। आश्रय शुल्क जमा न करने पर नगर पालिक निगम अधिनियम 2021 के तहत नगर निगम को अधिकार है कि वह विकास अनुमति निरस्त कर सकता है।