कानून तो बदल गया, तकनीक और संसाधनों की कमी पेश करेगी चुनौती

उज्जैन (भूपेन्द्र भूतड़ा)। प्रदेश सहित देशभर में आज से कानून बदल गया है। आज थानों में नए कानूनों के तहत कार्रवाई हुई नए कानूनों के साथ-साथ पुलिस की चुनौती भी बढ़ गई है। कमजोरी और तकनीक के अभाव से पुलिस पहले से ही जूझ रही है। नए कानूनों में पुलिस का सारा काम ऑनलाइन और मोबाइल पर आधारित है। पुलिस को हर छोटे मोटे मामले में वीडियोग्राफी, फोटो व साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग, गवाहों के बयान सब कुछ मोबाइल में रिकॉर्ड करना है।

मध्य प्रदेश में 55 जिले है।ं जिसमें 1159 पुलिस थाने है। वहीं उज्जैन जिले में 30 थाने है। प्रदेश में वर्तमान में कुल मिलाकर 98466 पुलिस बल है। अभी सभी पुलिस अधिकारियों को मोबाइल भत्ता भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में अब पुलिस जवानों व अधिकारियों को अपने खर्चे पर ही काम करना होगा। हालांकि पुलिस व सरकार ने पुलिस अधिकारियों-जवानों को सीयूजी नंबर उपलब्ध करवा रखे है लेकिन इन नंबरों पर कॉलिंग की सुविधा है

भारत में वर्ष 2018 में 405129, वर्ष 2019 में 395619 वर्ष 2020 में 428046, वर्ष 2021 में 475918 हर साल मामलों में सात से दस फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। इनमें भी संगीन आपराधिक मामले बढ़ते दिख रहे हैं। मध्यप्रदेश में 1018 आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों की जरूरत, लेकिन हैं 842 इनमें से 190 मुख्यालयों में बैठे हैं। प्रदेश में अभी भी 176 अफसरों की कमी, आईपीएस सर्विस में 70 एडीजी स्तर के अफसर, इनमें से 10 केंद्र सरकार में पदस्थ।

 

बाधा मोबाइल स्पीड,स्टोरेज की समस्याएं

घटनास्थल का मौका-मुआयना, साध्य, गवाहों के बयान, पीडि़तों के बयान सभी मोबाइल में रिकॉर्ड करने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में पुलिस के हवलदार व सिपाहियों के पास बेहतर क्षमता व स्टोरेज वाले मोबाइल होने चाहिए, जो नहीं है। ऐसी स्थिति में बेहतर काम निकाल पाना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि सरकार व पुलिस मुख्यालय में इस समस्या उबरने के लिए पुलिस अधिकारियों जवानों को नए गैजेट्स उपलब्ध कराने पर विचार-विमर्श चल रहा है। नेशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर ने ऑडियो विजुअल रिकॉर्डिंग एवं फॉरेंसिक के लिए ई-साक्ष्य ऐप, समन को इलेक्ट्रॉनिक तामील कराने के लिए ई समन ऐप तैयार किया है।

 

आईजी से नवभारत की विशेष चर्चा…..

मध्य प्रदेश पुलिस ने पीडि़तों को सुलभ और त्वरित न्याय दिलाने के लिए 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है। 302 मास्टर ट्रेनर्स के साथ 31 हजार से अधिक विवेचकों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। पुराने कानूनों के आधार पर विवेचना करते आए अधिकारियों और कर्मचारियों को नए कानूनों से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण शालाओं, सेमिनारों और कार्यशालाओं का आयोजन झोन से लेकर थाना, नए कानूनों के संबंध में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से प्रश्न-पत्र हल कराए गये पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों ने समूह चर्चा कर कानूनों के बारे में जानकारी प्राप्त की है। ई एफआईआर तभी मान्य होगी जब तीन के भीतर थाने में जाकर हस्ताक्षर करेंगे। अपराध जुलाई से पहले है तो पुरानी धाराओं में ही दर्ज होगा। गंभीर अपराध की इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सूचना मिलने पर पुलिस खुद संपर्क कर लेगी। अपराध जुलाई से पहले है तो पुरानी धाराओं में ही दर्ज होगा। गंभीर अपराध की इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सूचना मिलने पर पुलिस खुद संपर्क कर लेगी।

-संतोष कुमार सिंह, पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन रेंज

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