पाकिस्तान भारत के साथ लगातार दुश्मनी में यकीन नहीं रखता: डार

इस्लामाबाद 26 जून (वार्ता) पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ लगातार दुश्मनी में यकीन नहीं रखता और पाकिस्तान बातचीत को तैयार है।

स्थानीय समाचार पत्र डॉन की रिर्ग्ट के अनुसार सरकार द्वारा संचालित थिंक टैंक इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज इस्लामाबाद (आईएसएसआई) की 51वीं स्थापना वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री डार, जो विदेश मंत्री का पद भी संभाल रहे हैं, ने कहा “ पाकिस्तान लगातार दुश्मनी में यकीन नहीं रखता। हम आपसी सम्मान, संप्रभु समानता और लंबे समय से चले आ रहे जम्मू-कश्मीर विवाद के न्यायपूर्ण एवं शांतिपूर्ण समाधान के आधार पर भारत के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध चाहते हैं।”

संघर्ष के दौर पर रोक लगाने की जरूरत को रेखांकित करते हुए श्री डार ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और पाकिस्तान का दक्षिण एशिया के लोगों के प्रति यह दायित्व है कि वे मतभेद के बजाय सहयोग को प्राथमिकता दें।

मानव विकास सूचकांकों में पिछड़े इस क्षेत्र में गरीबी, बेरोजगारी, निरक्षरता, बीमारी, भोजन और पानी की कमी है। प्राकृतिक आपदाओं, पर्यावरण क्षरण और जलवायु परिवर्तन के बारे में जोर देते हुए कहा कि इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए शत्रुता जारी रखने की जगह सामूहिक कार्रवाई जरूरी है।

श्री डार की टिप्पणियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के तहत भारत के प्रति पाकिस्तान की नीति की पहली औपचारिक अभिव्यक्ति को चिह्नित किया है।

श्री डार ने कहा कि कि चूंकि इस्लामाबाद सभी लंबित मुद्दों पर व्यापक बातचीत के लिए खुला है, यह एकतरफा हुक्मों को स्वीकार नहीं करेगा या भारत द्वारा आधिपत्य के किसी भी प्रयास की अनुमति नहीं देगा। उन्होंने कहा, “ हम दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे और नई दिल्ली में ‘हिंदुत्व’ से प्रेरित शासन द्वारा किसी भी गैर-विचारित सैन्य दुस्साहस का प्रभावी और निर्णायक रूप से जवाब देंगे।”

गौरतलब है कि 05 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने संबंधों को शिथिल कर दिया था।

भारत ने बार-बार कहा है कि पाकिस्तान को एक सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार किए जाने के लिए अपने आतंकवाद उद्योग को बंद करना होगा। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत इस तथ्य से लगातार जूझ रहा है कि पाकिस्तान ने लगातार आतंकवाद, सीमा पार आतंकवाद का अभ्यास किया है, और 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद भारत ने आतंकवाद को बर्दाश्त करने के अपने पहले के रवैये को छोड़ दिया है।

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