आदिम जाति कल्याण विभाग में संभवत लोकायुक्त की सबसे बड़ी कार्यवाही


बागली-विगत वित्तीय वर्ष मार्च में देवास जिले में संचालित 57 हॉस्टल में मरम्मत कार्य के लिए 3 करोड़ 28 लाख81हजार808रु रुपए की राशि स्वीकृत की गई। षड्यंत्र के तहत तात्कालिक डी ओ विवेक नागवंशी द्वारा अपने ही बाबू को ठेकेदार दुबे के साथ सभी संबंधित हॉस्टलो में पहुंचा कर अधूरे काम के बदले पूरी पूरी राशि खाते में ट्रांसफर करवा ली।
मामला लोकायुक्त में पहुंचा सबसे पहले मुख्य आरोपी विवेक नागवंशी पर लोकायुक्त की कार्रवाई हुई और 15 अगस्त के पूर्व उन्हें निलंबित कर दिया।
बागली क्षेत्र से जुड़े हैं 13 हॉस्टल
लोकायुक्त कार्रवाई में देवास जिले के मुख्य अधिकारी सहित 58 लोगों पर कार्रवाई हुई है। इन हॉस्टलो में बागली विकास खंड के 13हॉस्टल शामिल है। हॉस्टल अधीक्षकों का कहना है कि उनके हॉस्टल में षडयंत्र पूर्वक राशि डालने के बाद संबंधित ठेकेदार दुबे द्वारा रंगाई पुताई और छोटे-मोटे काम करवाना शुरू कर दिया बाद में मरम्मत की सामग्री भी हॉस्टल में रखवादी और सभी हॉस्टल अध्यक्षों को विश्वास में ले लिया 15 मार्च के लगभग जिला कार्यालय के बाबू के साथ ठेकेदार हॉस्टल अधीक्षीको के पास आया और अधूरे काम का पूरा पेमेंट दबाव बनाकर ले गया। हालांकि यह सभी बयान हॉस्टल अध्यक्ष कौन है लिखित में लोकायुक्त विभाग उज्जैन जाकर दर्ज कर दिए हैं। किंतु बड़ी मछली के बिछाए जाल में छोटी मछली भी फस कर रह गई।
संभवत लोकायुक्त की सबसे बड़ी कार्रवाई
हॉस्टल मरम्मत संबंधी राशि में इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार हुई है जिसमें डी ओ एवं ठेकेदार सहित 58 हॉस्टल अधीक्षक भी लोकायुक्त के शिकंजे में आ गए।
विभाग के बड़े कर्मचारी है लिप्त
अधीक्षक कार्यालय देवास से जुड़े प्रकाश चौहान,हेमंत चौहान, और अन्य बाबू भी इस मामले में पूरी तरह जिम्मेदार है।

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