नयी दिल्ली, 26 जून (वार्ता) भारत में यूएई के राजदूत अब्दुलनास्सेर अल्शाली ने कहा है कि औडिशा भारत में यूएई का आठवां सबसे बड़ा ट्रेडिंग साझेदार है।
यूएई-इंडिया सेपा काउन्सिल (यूआईसीसी) ने इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के सहयोग से एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें औडिशा के तकरीबन 30 कारोबारों ने यूएई-इंडिया कॉम्प्रीहेन्सिव इकोनोमिक पार्टनरशिप एग्रीमेन्ट (सेपा) के फायदों पर चर्चा की।
यूएई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्री अल्शाली ने किया। इसमें हिस्सा लेने वाले अन्य प्रतिभागियों में यूआईसीसी के निदेश अहमद अलजनेबी, रास अल खाईमाह इकोनोमिक ज़ोन के स्ट्रैटेजिक कंट्री मैनेजर (भारत) मोहम्मद हसीब और डीपी वर्ल्ड के कार्पोरेट मामलों के निदेशक योगपाल सिंह शामिल थे।
यूएई के लिए औडिशा के महत्व पर श्री अल्शाली ने कहा, “ औडिशा ने यूएई-भारत के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को समर्थन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके उच्चस्तर पर विकसित मिनरल एवं ओद्यौगिक सेक्टर तथा सशक्त मानव पूंजी यूएई के निवेशकों के लिए कारगर साबित हुए हैं। हमें विश्वास है कि आज का आयोजन सेपा हस्ताक्षर के माध्यम से औडिशा के कारोबारों को आर्थिक, कारोबार एवं निवेश के ढेरों अवसरों से लाभान्वित करेगा।”
श्री अलजनेबी ने औडिशा में कुल कारोबार के तीव्र विकास पर रोशनी डाली। वित्तीय वर्ष 2023-2024 में यूएई और औडिशा के बीच कारोबार 2.63 अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारत के 28 राज्यों और 8 केन्द्रशासित प्रदेशों में औडिशा यूएई का आठवां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। ऐसे में यह ज़रूरी है कि हम कारोबार के इन संबंधों को जारी रखें और एक दूसरे के विकास के लिए नए अवसरों पर काम करते रहें। यूआईसीसी, आईसीसी के साथ साझेदारी में औडिशा में कारोबारों को समर्थन प्रदान करने और उनकी इंटरनेशनल कारोबार एवं निवेश की महत्वाकांक्षाओं को हासिल करने में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
यूएई और भारत के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने में सेपा की भूमिका के चलते वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान दोनों देशों के बीच 83.64 अरब डॉलर का कारोबार हुआ। सेपा का महत्व विशेष सेक्टरों जैसे रत्न एवं आभूषण, दवाएं एवं फार्मास्युटिकल्स, फल एवं सब्ज़ियों में कारोबार के विकास से स्पष्ट होता है जिनमें वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान क्रमशः 64 फीसदी, 39 फीसदी और 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यूएई भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य, तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर और चौथा सबसे बड़ा निवेशक है।