कलेक्टर ने सुनी आमजन की समस्याएं, बीमारों को आर्थिक मदद
350 से अधिक आवेदकों ने अधिकारियों को बताई समस्याएं
इंदौर:मंगलवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने जनसुनवाई में आवेदकों की समस्याओं को सुना. कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के तहत आयोजित हुई. जनसुनवाई में 350 से अधिक आवेदकों ने अधिकारियों के कक्ष में सीधे पहुंचकर अपनी समस्याएं बताई. कलेक्टर आशीष सिंह सहित सभी अपर कलेक्टरों और अन्य विभागीय अधिकारियों ने आवेदकों की समस्याओं को गंभीरता के साथ सुनकर निराकरण किया.
कलेक्टर श्री सिंह ने बीमारी, दिव्यांगता सहित तत्काल मदद के 26 आवेदनों में रेडक्रॉस से तत्काल आर्थिक मदद स्वीकृत की. वहीं अन्य मदद संबंधित आवेदनों को सेवा सेतु एप पर दर्ज कराते हुए अपेक्षित आर्थिक सहयोग के दिशा निर्देश दिए. उन्होंने जन सुनवाई में प्राप्त आवेदनों का समय सीमा में निराकरण के निर्देश संबंधित विभाग प्रमुख को दिये. जन सुनवाई में कलेक्टर श्री सिंह को फिट्जी में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों ने आवेदन दिया कि उक्त संस्था द्वारा यहां अध्ययनरत करीब 50 बच्चों की फीस जमा करा ली गई है लेकिन शिक्षण कार्य नहीं कराया जा रहा है। संस्था की ओर संतोषप्रद जवाब भी नहीं दिया जा रहा है और ना ही जमा फीस वापस लौटाई जा रही है. कलेक्टर श्री सिंह ने संस्था की जांच करते हुए फीस वापसी हेतु आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए.
वाहन में बिठाते है क्षमता से अधिक बच्चे
जनसुनवाई में निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को वाहन में क्षमता से अधिक परिवहन करने की शिकायत की गई. कलेक्टर ने प्राप्त आवेदन पर कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने ऐसे वाहनों पर कार्रवाई हेतु अभियान संचालित करने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी अभिभावकों से आह्वान किया कि निर्धारित क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर स्कूल के लिए परिवहन करने वाले वाहन में बच्चों को स्कूल नहीं भेंजे. उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया ऐसे वाहनों के परिवहन संबंधित दस्तावेजों एवं चालक की जानकारी जांच कर ही बच्चों को ऐसे वाहनों में परिवहन कराए. कलेक्टर ने एक नाइजीरियन व्यक्ति द्वारा विद्यालय संचालित करने में स्थानीय व्यक्तियों द्वारा परेशान करने संबंधित आवेदन पर संबंधित एसडीएम को तत्काल आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए.
लीगल एड क्लीनिक से आमजन को मिलेगी सुविधा
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया जन सुनवाई में कई विवाद संबंधित आवेदनों के निराकरण हेतु मिडियेशन के माध्यम से निराकरण की पहल की जा रही है. उन्होने बताया जन सुनवाई के कई आवेदन ऐसे आते है जिसमें सिविल कोर्ट संबंधित प्रकरण जैसे मकान विवाद, कब्जे के निराकरण में राजस्व न्यायालय की सीमा की बाध्यता रहती है ऐसे आवेदनों के निराकरण हेतु लीगल एड क्लीनिक प्रारंभ किया गया है. इसमें लीगल एक्सपर्ट उपस्थित रहकर आवेदकों को आवश्यक दिशा निर्देश, कानूनी सलाह और मदद आदि दिलाने का कार्य कर रहे है.