नई नीति के इंतजार में प्रशासन, मूंग-उड़द खरीदी नहीं हुई शुरु  

किसान प्राईवेट में बेंच रहे फसल, इस वर्ष शासन के पास कम मात्रा में आयेगा अनाज
जबलपुर। ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द के लिए उपार्जन अभी तक शुरु नहीं हो पाई है। अधिकारियों की मानें तो अभी तक नई नीति के तहत कोई भी बैठक नहीं हो पाई है। जिसके चलते उपार्जन की कोई भी तिथि सरकार द्वारा घोषित नहीं हुई है। परंतु प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उड़द और मूंग की खरीदी के लिए सभी प्रकार से तैयारी चालू हो गई है। जिसके लिए किसानों द्वारा पंजीयन भी कराए जा चुके हैं।  साथ ही लगभग 25 केंद्र भी समर्थन मूल्य की खरीदी के लिए स्थापित करने की योजना बन चुकी है। लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार से कोई भी नीति और निर्देश अधिकारियों को प्राप्त नहीं हुए जिसके कारण मूंग और उड़द की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है। उल्लखेनीय है कि किसानों द्वारा इन दोनों ही फसलों की कटाई की जा चुकी है और वह प्राइवेट रूप में ही अपना अनाज बेच रहे हैं। जिसको देखकर यह लग रहा है कि शासन द्वारा इस वर्ष मूंग और उड़द की फसल का बहुत कम ही मात्रा में अनाज खरीदा जाएगा।

25 हजार का रकवा, साढ़े तेरह हजार किसानों ने कराया पंजीयन
मूंग और उड़द की फसल को बेचने के लिए जिले में साढ़े तेरह हजार पंजीयन हुए हैं। जिसमें किसानों द्वारा विभिन्न तहसीलों में अपने-अपने क्षेत्र पर फसल बेचने के लिए पंजीयन कराए गए हैं। कृषि उपसंचालक रवि आम्रवंशी से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 13 जून तक मूंग और उड़द के लिए पंजीयन कराए गए थे, जिसमें अभी तक कुल 13522 किसानों द्वारा पंजीयन कराए जा चुके हैं। गौरतलब है कि उड़द और मूंग फसल के लिए जिले में लगभग 25000 का रकवा है,लेकिन उसके बावजूद भी इससे आधे मात्र साढ़े तेरह हजार किसानों द्वारा ही पंजीयन कराया गया है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस वर्ष उड़द और मूंग की खरीदी भी बहुत ही कम मात्रा में शासन द्वारा की जाएगी।
मंडियों में मूंग की भरमार
शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर अभी समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू नहीं हो पाई है, परंतु किसानों की फसल कटकर तैयार हो चुकी है और वह इसे बेचने के लिए लगे हुए हैं। खासतौर पर किसान मंडियों और प्राइवेट रुप से व्यापारियों को उड़द और मूंग बेच रहे हैं। जिससे उनको अच्छा खासा रेट भी इन फसलों का मिल रहा है। पिछ्ले हफ्ते से लेकर अभी तक जिले की सभी मंडियों में किसानों द्वारा मूंग और उड़द बड़ी मात्रा में लेकर पहुंच रहे हैं। जिसमें जबलपुर की कृषि उपज मंडी और पाटन मंडी में मूंग की भरमार है, जहां पर किसानों को लगभग 8000 रूपए प्रति क्विंटल मूंग का रेट मिल रहा है।

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