सफेदपोशों तक पहुंची आंच तो धीमी हुई जांच

जिंदा को मुर्दा बताकर शासन को लगाई गई है करोड़ों की चपत
 
जबलपुर: फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर शासन को करोड़ों की चपत लगाते हुए शासकीय सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत मिलने वाली अनुग्रह राशि हड़पने के मामले में जांच की आंच सफेदपोशों तक पहुंच गई है। जिसके बाद मामले की विवेचना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। दरअसल पूरा फर्जीवाड़ा नगर निगम के जोन कार्यालयों के जरिए चल रहा था। प्राइवेट कंप्यूटर सेंटर, आउटसोर्स कर्मचारियों और नगर निगम के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से तैयार कर शासन को चपत लगाते हुए पूरी रकम गिरोह बनाकर हड़पी जा रही थी।
कई और चेहरे होते बेनकाब
गिरोह का जाल नगर निगम के जोन कार्यालयों से लेकर छग तक फैला हुआ है।  गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ा तो वैसे-वैसे पुलिस को नित नए सुराग भी मिले। हनुमानताल पुलिस ने कई आरोपियों समेत एक लिपिक को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा। सूत्र बताते हैं कि विवेचना के दौरान कुछ सफेदपोश चेहरे भी जांच की आंच में आ गए थे। ऐसे में कई अधिकारियों की कुर्सी खतरे में आ गई थी जिसके चलते मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
न जांच पूरी कर रहे, न डाटा दे रहे
मामले की जांच पुलिस के साथ नगर निगम प्रशासन भी कर रहा था। फर्जीवाड़े का भंड़ाफोड़ हुए महिनों बीत गए हैं लेकिन ननि प्रशासन की अब तक जांच पूरी नहीं हुई है। इसके अलावा ना ही पुलिस को प्रकरण संंबंधित डाटा मुहैया कराया है, जिसके चलते भी जांच की रफ्तार धीमी हो गई है।
इन्हें भेजा चुका है जेल
हनुमानताल पुलिस ने पूर्व में शेख शहजाद निवासी न्यू नेता कालोनी, आकिब रफीक निवासी न्यू आनंद नगर, सलमान उर्फ मोह. सद्दाम शेख निवासी रजा चौक मक्का नगर, नगर निगम जोन भानतलैया में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर आमिर, छग से श्रवण कुमार साहू, नगर निगम भानतलैया जोन कार्यालय में पदस्थ शासकीय सामाजिक सुरक्षा योजना लिपिक गोकुल सिंह गौंड को गिरफ्तार जेल भेजा था।
अधारताल पुलिस की भूमिका संदिग्ध
हनुमानताल थाने के बाद अधारताल थाने में फर्जीवाड़े की एफआईआर दर्ज हुई थी। हनुमानताल पुलिस ने तो आधा दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया लेकिन अधारताल पुलिस अब तक आरोपियों को पकडऩा तो दूर की बात है उनके बारे में जानकारी तक नहीं जुटा पाई है कि आरोपित कौन है। ऐसा लगता है कि जैसे अधारताल पुलिस एफआईआर दर्ज करने के बाद मामले की विवेचना करना भूल गई है।
दो थाने में दर्ज हुई थी फर्जीवाड़े के एफआईआर
हनुमानताल थाना अंतर्गत आनंद नगर निवासी सैयदा रिजवाना रिजवी का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र लगाकर मजदूरी कार्ड के जरिए सरकारी योजना की अनुग्रह राशि दो लाख और छह हजार रुपये की अंतेष्टी राशि निकाल ली थी गई थी।  दूसरा मामला अधारताल थाना अंतर्गत सुहागी जोन में सामने आया था। सुहागी निवासी महिला राधा अहाके  केवाइसी कराने  जोन सुहागी जोन कार्यालय पहुंची तो पता चला कि उसका फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर उक्त कार्ड के आधार पर शासन से दो लाख छह हजार रुपये की राशि निकाल ली गई है।
इनका कहना है
थाने में अपराध दर्ज है, जांच बंद नहीं हुई है। मामले की विवेचना चल रही है। आरोपियों की पतासाजी की जा रही है।
विजय कुमार विश्वकर्मा, अधारताल थाना प्रभारी

ननि से 2018 से अब तक का डाटा मांगा गया था कि योजना का कितने हितग्राहियों को लाभ मिला लेकिन अब तक दस्तावेज मुहैया नहीं कराए गए जिसके चलते मामले में नए तथ्य सामने नहीं आए है। विस्तृत जांच जारी है।
रविन्द्र दुडवा, एसआई, हनुमानताल थाना

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