सिंगरौली : जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर के वाहन पाकिं ग व्यवस्था पूर्व की तरह अस्त-व्यस्त है। व्यवस्था सुधारने के लिए नवागत सिविल सर्जन के सामने बड़ी चुनौतियां भी । जिला चिकित्सालय की व्यवस्था कब तक सुधरेगी। इसपर अभी कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी।दरअसल जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर की सबसे बड़ी समस्या वाहन पाकिंग की है। यहां सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर तक अनियंत्रित रूप से मरीजों के अभिभावक व उनके चिंतक अपने-अपने वाहनों को जहां मन भाया वही खड़े कर देते हैं।
जिसके चलते अव्यवस्थित तरीके से वाहनों के खड़े होने के कारण लोगों को भारी परेशानी से जूझना पड़ता है। यह समस्या कई महीनों से है और लगातार इसकी शिकायतें भी तत्कालीन सिविल सर्जन के यहां होती रही। लेकिन इसके बावजूद व्यवस्थाए नही सुधरी। अब नवागत सिविल सर्जन से जिला चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए बड़ी चुनौतियां हैं और इस चुनौतियों से निकलने के लिए सिविल सर्जन को कई कड़े कदम भी उठाने पड़ेंगे। तब कहीं व्यवस्थाए सुधर पाएंगी।
वाहन चालक सुरक्षा गार्डों से करते हैं तूतू-मैंमैं
जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर बैढ़न बिलौंजी वाहन पाकिं ग को लेकर अव्यवस्थाओं से घिरा हुआ है। आलम यह है कि यदि वाहनों को व्यवस्थित तरीके से खड़ा क रने के लिए सुरक्ष गार्ड सलाह भी देते हैं तो कुछ ऐसे फोर एवं टू व्हीलर वाहन चालक रहते हैं। जहां गार्डो से उलझकर तूतू-मैंमैं करने लगते हैं। इस तरह की समस्या जिला चिकित्सालय परिसर में आये दिन बनी रहती है। सुरक्षा गार्ड भी विवाद को टालने के लिए मजबूरन बैकफूट पर आ जाते हैं। सुरक्षा गार्ड बताते हैं कि कुछ लोग बात मान जाते हैं। लेकिन उसमे से 25-30 प्रतिशत लोग रहते हैं जो कोई बात सुनते ही नही और अकड़पन दिखाते हुये वाहन को अव्यवस्थित रूप से खड़ा कर चले जाते हैं।