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झाबुआ। मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा पत्र जारी कर प्रदेश में प्राथमिक कृषि सरकारी समितियों के चुनाव की तिथियां घोषित की है, जिसके अनुसार मध्यप्रदेश में 4 हजार 500 से अधिक समितियों के चुनाव 4 चरणों में आगामी 24 जून से 9 सितंबर के मध्य संपन्न होंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 वर्ष बाद पुनः मध्यप्रदेश में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई है। वर्ष 2013 में यह चुनाव हुए थे, जिसके बाद वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव, 2019 में लोकसभा चुनाव बाद कोरोनाकाल में दो से ढाई साल का समय निकालने के बाद पुनः 2023 में प्रदेश में विधानसभा बाद 2024 में हाल ही में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद राज्य सहकारी निर्वाचन पदाधिकारी की और से मान. उच्च न्यायालय के आदेशों के परिपालन में 4 चरणों में चुनाव प्रक्रिया करवाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें प्रथम चरण 24 जून से 13 अगस्त, द्वितीय चरण 29 जून से 16 अगस्त, तृतीय चरण 13 जुलाई से 2 सितंबर एवं अंतिम चरण 20 जुलाई से 9 सितंबर तक संचालित होगा। राज्य निर्वाचन पदाधिकारी भोपाल एमबी ओझा ने पत्र जारी करते हुए जिले के कलेक्टरों को भी उक्त अवधि में जिला स्तर पर बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समिति के चुनाव हेतु रिटर्निंग एवं सहायक रिटर्निग अधिकारी नियुक्त कर निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न करवाने के निर्देश दिए है।
जिले में 40 समितियों के होंगे चुनाव
जिला सहकारिता विभाग के उपायुक्त दिनेशचंद्र भिड़े ने बताया की इसी क्रम में जिले में भी करीब 40 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के चुनाव होना है। कलेक्टर द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया तय करने के बाद चुनाव के लिए तैयारियां शुरू की जाएगी। ज्ञातव्य रहे कि पिछले लंबे समय से जिले में सहकारी केंद्रीय बैंक, उपभोक्ता भंडार, कृषि मंडियों के चुनाव भी फिलहाल लंबित थे। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष गौरसिंह वसुनिया की कोरोनाकाल के दौरान आकस्मिक मृत्यु उपरांत अध्यक्ष का पद रिक्त होने के साथ जिला उपभोक्ता भंडार में भी वर्तमान में प्रशासक द्वारा दायित्व संभाला जा रहा है। सरकार के साथ प्रशासन को निश्चित समयावधि में उक्त चुनाव भी संपन्न करवाया जाना अत्यंत आवश्यक है। सोसाइटियों, बैंकों और भंडार में जनप्रतिनिधि नहीं होने से कई कार्य भी प्रभावित होते है।
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