गंगा दशमी में उमड़ी आस्था
नवभारत न्यूज
ओंकारेश्वर। पुण्य सलिला मां नर्मदा के तट ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में गंगा दशमी के अवसर पर लगभग एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने ओंकारेश्वर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई तथा पवित्र अवसर पर नर्मदा में स्नान का पुण्य लाभ लिया।
हिंदू पंचांग के अनुसार,ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है। कहा जाता है अपने पूर्वजों की आत्मा के उद्धार के लिए भागीरथ गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे। गंगा दशहरा के दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व होता है। गंगा दशहरा पर हर साल गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। ऐसा कहते हैं कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी तरह के पाप मिट जाते है। पापों से मुक्ति मिलती है। गंगा दशमी पर स्नान कर दोहरा लाभ भक्तों ने लिया।
भीषण गर्मी उमस
से श्रद्धालु हुए परेशान
नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई तथा लंबी-लंबी कतार में लगकर बाबा ओंकारेश्वर एवं ममलेश्वर के दर्शन किए। गर्मी एवं उमस में घंटो दर्शन के लिए मांधाता क्षेत्र में लंबी-लंबी कतारे लगी। प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था बोनी साबित हुई।
भक्त पानी पानी को जहां तरसे तो वहीं उमस गर्मी के कारण कई महिलाओं को बार-बार बाहर निकलना पड़ा।
दूर से दर्शन के व्यवस्था
की मांग फिर उठी
गर्भ ग्रह मंदिर के अंदर दर्शन की व्यवस्था कोरोना काल की तरह दूर से करने की व्यवस्था ट्रस्ट द्वारा नहीं किए जाने के कारण भक्तों में रोष फिर देखा गया। गुजरात से आए मणि भाई पटेल तथा राजस्थान के मनोज भाई ने कहा जिला प्रशासन ने पूर्व से दूर से दर्शन की पूर्व में व्यवस्था की थी जिससे कम समय में कई लोग स्पष्ट दर्शन लाभ ले सकते थे।
भक्तों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में दूर-दूर से भक्त आते हैं। गर्भ गृह में हो रही परेशानी को गंभीरता से ले जिससेे सुलभता से दर्शन हो। लापरवाही और मनमानी के कारण किसी दिन बड़ा हादसा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
पार्किंग के अभाव में
बिगड़ी यातायात व्यवस्था
श्रद्धाओं को पार्किंग के अभाव में काफी असुविधा होती है। गर्मी उमस में 4 किलोमीटर दूर से दर्शन के लिए पैदल चलना और टेंपो चालकों की मनमानी अत्यधिक रुपए वसूलने से परेशानी बड़ी है। लक्ष्मी नारायण शर्मा ने कहा ओंकारेश्वर में यातायात व्यवस्था ठीक ढंग से करने तथा मंदिर गर्भ ग्रह को चौड़ा करने की आवश्यकता है जिससे प्रतिदिन आने वाले हजारों श्रद्धालु सुलभता से दर्शन लाभ दे सके।