ईओडब्लयू ने पति-पत्नी के खिलाफ दर्ज की एफआईआर
जबलपुर: आपराधिक षडय़ंत्र रचकर कूट रचित विक्रय पत्र में गारंटर बनाकर बैंक आफ महाराष्ट्र शाखा, जबलपुर शाखा जबलपुर से धोखाधड़ी कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर बैंक संपत्ति बंधक रखते हुए 20 लाख रूपए लेने वाले पति-पत्नी के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, इकाई जबलपुर (ईओडब्लयू) ने विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है।
जानकारी के मुताबिक गढ़ा निवासी रोजी ढिमोले द्वारा पति ललित सोनी के साथ मिलकर आपराधिक षडय़ंत्र रचकर कूट रचित विक्रय पत्र तैयार कर बैंक आफ महाराष्ट्र शाखा, जबलपुर हास्पिटल शाखा जबलपुर से 20 लाख रूपए का लोन प्राप्त किया था। श्रीमति रोजी ढिमोले पति ललित कुमार प्रो. अवतार गारमेट्स सोनी निवासी नव आदर्श कालोनी गढ़ा रोड विवेकानंद वार्ड, ललित कुमार सोनी पिता कमल प्रसाद सोनी के विरूद्ध न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय द्वारा उक्त परिवाद को पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ जबलपुर को प्रेषित किया गया था। जांच के दौरान परिवादी वैभव काले पिता उमाकांत अचंल प्रबंधक बैंक आफ महाराष्ट्र, अंचल कार्यालय जबलपुर के कथन लेख किये गये जिन्होनें बताया कि वर्ष 2014 में जबलपुर हास्पिटल ब्रांच के द्वारा स्वीकृत किया गया प्रकरण अवतार गारमेंट प्रो श्रीमति रोजी ढिमोले को 20 लाख रुपये का ऋण दिया गया था।
पुराने दस्तावेजों के निरीक्षण पर यह पाया गया कि यह खाता बैंक की शाखा द्वारा धोखाधड़ी का मामला बताकर अंचल कार्यालय को सूचित किया गया। उक्त ऋण प्रकरण में श्रीमति रोजी ढिमोले ने बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिये दुकान संख्या 3, क्षेत्रफल 130 वर्गफुट भूतल एवं दुकान स्वामी विवेकानंद वार्ड जबलपुर में स्थित है को बंधक रखा। उक्त संपत्ति का मूल्यांकन 36 लाख रुपये लगभग बैंक के मूल्याकन कर्ता के द्वारा रिपोर्ट में बताया गया। तत्का. शाखा प्रबंधक द्वारा बंधक संपत्ति के मूल दस्तावेज, रजिस्ट्री पर संदेह हुआ तो मूल दस्तावेजों की जाँच के लिए पेनल अधिवक्ता को मामला जाँच के लिये सौपा गया। बैंक में रखी हुई बंधक संपत्ति के दस्तोवज को फर्जी दस्तावेज बताया। जांच उपरांत श्रीमति रोजी ढिमोले पति ललित कुमार प्रो. अवतार गारमेंट्स सोनी निवासी नव आदर्श कालोनी गढा रोड विवेकानंद वार्ड जबलपुर, ललित कुमार सोनी पिता कमल प्रसाद सोनी निवासी नव आदर्श कालोनी गढ़ा रोड विवेकानंद वार्ड के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।