मनमाना किराया वसूल रहे ऑटों चालक
जबलपुर: मदन महल रेलवे स्टेशन पर ऑटो प्रीपेड बूथ बंद होने से ऑटों व ई-रिक्शा चालक मनमाने तरीके से यात्रियों से किराया वसूल कर रहे है। इतना ही नहीं प्लेटफार्म क्रं. 4 के बाहर बने ऑटो प्रीपेड सेवा बूथ खंडहर में तब्दील हो चुका है। जिसका फायदा उठाकर ऑटों चालक राइट टाउन और नेपियर टाउन जैसे इलाकों का भी 150-200 रूपये चार्ज वसूल कर रहे है। विगत कई सालों से यह बूथ बंद पड़ा हुआ है। जिसके चलते रेलवे स्टेशन परिसर के बाहर असामाजिक तत्वों का भी ढेरा डला रहता है। इतना ही नहीं इस तरीके से बंद पडे बूथ के कारण यात्रियों कि सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होने लगे है।
समान हो गया कबाड़
रेलवे स्टेशनों पर प्रीपेड ऑटों सेवा यात्रियों की सहुलियत के लिए शुरू की गई थी जिसके चलते यातायात पुलिस द्वारा शहर के अलग- अलग जगहों कर किराया तय किया गया था। लेकिन यात्रियों के प्लेटफार्म से बाहर निकलते ही किराया ले लिया जाता हैे। बात करें इसके प्रीपेड बूथ की तो इसके अंदर रखी टेबल कुर्सी कबाड में तब्दील हो चुकी है। लम्बे समय से उपयोग में ना आने के कारण अंदर रखा सामान धूल मिट्टी से सन चुका है। जगह-जगह रेलवे स्टेशनों के बाहर बनाए गए प्रीपेड बूथों के कारण ऑटों चालक मनमाना किराया वूसल नहीं सकते थे,परन्तु इनके बंद जाने होने से अब वह व्यवस्था बेलगाम हो गई है एवं ऑटों चालक इसका फायदा उठाकर कई जगह का तीन गुना ज्यादा किराया तक चार्ज कर रहे है।
प्रीपेड बूथ पर होता था भुगतान
प्रीपेड ऑटों सेवा ऑटों बूथ का शुरू-शुरू में ऑटों चालकों को पर्ची दिखाकर भुगतान किया जाता था। जितना किराया यातायात विभाग द्वारा तय किया जाता था उतना ही भुगतान ऑटों चालकों को किया जाता था। इसमें ऑटों व ई- रिक्शा चालकों क े मनमाना रेट पर सीधे लगाम लग जाती थी। मदन महल के प्लेटफार्म क्रं . 1 और प्लेटफार्म क्रं. 4 पर भारी संख्या में यात्रियों का आना जाना होता है। पर हैरानी की बात तो यह है कि इन यात्रियों की सुरक्षा और गंतव्य का किराया तय करने के लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं मौजूद रहता है। यात्रियों द्वारा जब भी आशा भरी उम्मीद से बूथ की तरफ रूख करते है तो उसका स्वागत वहां लटके ताले से किया जाता हैं।