ओवर टेक करते समय ट्रको में हुई थी भिडंत, हेल्पर चला रहा था ट्रक

पूर्व सीआरपीएफ जवान की पत्नी और इकलौता बेटा जिंदा जला

नवभारत न्यूज

रीवा, 9 जून, शहर के चोरहटा थाना अन्तर्गत बाईपास में शनिवार की शाम भीषड़ सडक़ हादसे में चार लोग जिंदा जल गये. जिसमें पूर्व सीआरपीएफ जवान की पत्नी और इकलौता बेटा भी शामिल था. दरअसल यह हादसा ओवर टेक करते समय हुआ. अचानक सामने से ट्रक आ जाने के कारण चालक घबरा गया और दोनो ट्रको में भिडंत हो गई. रविवार को शवो का पीएम कराया गया.

शनिवार को हुई हृदय विदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया. पूर्व सीआरपीएफ जवान इन्द्रपाल मुंडा सेवानिवृत्त के बाद नागपुर में प्राइवेट नौकरी करते है. पत्नी और बेटा उनके पास कुछ दिन रहकर घर लौट रहे थे. पत्नी सविता मुंडा एवं इकलौता बेटा चेतन मुंडा उर्फ गोल्डी दोनो शुक्रवार को नागपुर से रीवा के लिये निकले थे और कैथा गढ़ जा रहे थे. दोनो माँ-बेटे यह कह कर निकले थे चिंता मत करना हम सभी सकुशल पहुंच जायेगे, लेकिन दोनो हादसे का शिकार हो गये. दरअसल ट्रक चालक इन्द्रपाल मुंडा के परिवार से पूर्व परिचित था जिसके कारण पत्नी और बेटे को बस के बजाय ट्रक से ही रवाना कर दिया पर होनी को कुछ और ही मंजूर था. नागपुर की तरफ से आ रहे ट्रक को हेल्पर चला रहा था जबकि ट्रक का ड्राइवर कम्पनी के अन्य ट्रक में सवार था. अमरैया जेपी मोड़ के पास नागपुर की तरफ से आ रहे ट्रक ने तीन वाहनो को ओवर टेक करने के बाद जैसे ही आगे बढ़ा तो रतहरा के तरफ से आ रहे ट्रक को देखकर चालक घबरा गया और सडक़ से नीचे उतारने की कोशिश की. लेकिन तब तक सामने से आकर ट्रक भिड गया और दोनो ट्रको के गेयर बाक्स में आग लग गई, जिससे दोनो ट्रक जल गये और चार की मौत हो गई.

पैसा बचाकर सतीष भेजता था घर

नागपुर से रीवा आ रहे ट्रक को हेल्पर सतीष केवट 22 वर्ष निवासी गढ़ चला रहा था. पिता रामप्रकाश केवट ने बताया कि सतीष घर में सबसे छोटा था और सभी का चहेता था. पैसा बचाकर हर महीने भेजता था, जिससे घर चलता था. हादसे के दिन शनिवार को मृतक की पहचान नही हुई थी, देर रात पहचान सतीष केवट के रूप में हुई.

दो दिन में लौटने का किया था वादा

रीवा की ओर से चोरहटा की तरफ जा रहे ट्रक को संतोष केवट 33 वर्ष निवासी महसांव गुढ़ चला रहा था. परिजनो ने बताया कि संतोष ने बच्चो से यह वादा किया था कि वह दो दिन के अंदर घर वापस आयेगा और रामपुर बघेलान का मशहूर खुरचन भी लेकर आयेगा. लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था, संतोष इकलौता कमाने वाला था और उसके चार बच्चे है. सबसे छोटी बेटी 6 महीने की है. शुक्रवार की दोपहर घर से संतोष दो दिन के अंदर आने का वादा कर निकले थे. शव बुरी तरह से जल गया था पहचानना मुश्किल था.

सिंगल लेन होने के कारण अक्सर होते है हादसे

चोरहटा से रतहरा जाने वाली बाईपास रोड़ सिंगल लेन की है, जिसके चलते आये दिन सडक़ हादसे होते है. इसके पूर्व भी कई हादसे हो चुके है. लगभग हर महीने एक या दो बड़ी घटनाएं होती है. बाईपास का चौड़ीकरण करने के साथ टू-लेन किया जाना है और इसका टेंडर भी होना है. जब तक टू-लेन नही होगी तब तक इस तरह हादसे होते रहेेगे. कई बार ट्रक की चपेट में आने से बाइक सवारो की मौत हो चुकी है. स्थानीय लोगो की मांग है कि हादसे को देखते हुए टू-लेन सडक़ की जाय.

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