नयी दिल्ली 06 जून (वार्ता) कारदेखो ग्रुप ने शार्क टैंक इंडिया और दूसरे माध्यमों से किये गये निवेश वाली 30 से ज्यादा कंपनियों को सशक्त बनाने पर गिरनार एलीवेट समिट 2024 में चर्चा की।
कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ग्रुप के सीईओ एवं सह संस्थापक अमित जैन की अगुवाई में गिरनार एलीवेट समिट 2024 का आयोजन किया। इस समित का यह दूसरा संस्करण था। दो दिन के इस आयोजन का उद्देश्य उन 30 से ज्यादा कंपनियों को सशक्त करना था, जिनमें श्री जैन ने शार्क टैंक इंडिया और दूसरे माध्यमों से निवेश किया है। समिट में विभिन्न कार्यक्षेत्रों पर अलग-अलग सत्रों का संचालन किया गया। इनमें भारत 2.0 के निर्माण के लिये संस्थापकों से निजी तौर पर जुड़ने और उनका मार्गदर्शन करने के लिये श्री जैन की प्रतिबद्धता नजर आई। निवेश के बाद मार्गदर्शन और मेंटॉरशिप की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसके साथ कंपनियाँ तरक्की और सफलता का ब्लूप्रिंट बनाती हैं।
गिरनार एलीवेट समिट एक बेहतरीन फोरम है, जो इन कंपनियों को जानकारी बढ़ाने और सफल उपक्रमों के निर्माण की रणनीतियाँ बेहतर बनाने के लिये सशक्त करता है।
कंपनी ने कहा कि इसके पहले दिन की शुरूआत अलग अलग सत्रों से हुई, जिससे उद्यमियों को व्यवसाय तैयार करने और उसे बढ़ाने के बारे में अहम जानकारियाँ मिलीं। इस कार्यक्रम की शुरुआत के अवसर पर श्री जैन व्यवसाय बढ़ाने पर जानकारियाँ प्रदान कीं। उनहोंने सही मौके पहचानने, असरदार प्लेबुक बनाने और व्यवसाय की वृद्धि के लिये उन्नत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के महत्व पर जोर दिया।
इसका मकसद ब्राण्डों को सशक्त करना और ऐसी संस्थाएं बनने में उनकी मदद करना था, जो भारत में उद्यमिता के परितंत्र पर एक विरासत का निर्माण करें। दूसरे दिन बड़े पैमाने की संस्था बनाने के पहलूओं पर विचार किया गया। इसमें कानून, वित्त, अनुपालन तथा एचआर से जुड़े सत्र थे।
श्री जैन ने कहा, “मेरी सोच सिर्फ पैसों के निवेश तक सीमित नहीं है।
मैं भारत में बढ़ रही उद्यमिता की प्रतिभा को बढ़ावा और मार्गदर्शन देने और टेक्नोलॉजी को सबसे ऊपर रखकर नये भारत के निर्माण को प्रेरित करने के लिये प्रतिबद्ध हूँ। मेरा मानना है कि संस्थापकों के साथ निजी तौर पर जुड़ाव बनाने से उद्यमियों की बाधाओं को पहचानने और दूर करने में मदद मिलती है और वे विशेषज्ञों तथा समकक्षों से सीख पाते हैं। इस प्रकार महत्वपूर्ण पहलुओं, जैसे कि प्रोडक्ट–मार्केट फिट, फंड जुटाने की सही रणनीतियों और प्रतिस्पर्द्धा में अपने बचाव को बेहतर बनाने के लिये निजीकृत तरीके से मध्यस्थता करना आसान हो जाता है।”