कमलनाथ ने किया जनमत को नमन

छिंदवाड़ा पंहुचे कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी की ली बैठक

छिंदवाड़ा। 45 साल की विरासत खोने और अपने बेटे नकुलनाथ की हार के बाद भी बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा पहुंचे। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं की एक बैठक लेकर इस हार पर चिंतन करने के लिए कहा।

कमलनाथ की इस बात पर बैठक में मौजूद कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी उदास दिखाई दिए। कमलनाथ ने साफ इशारा कर दिया है कि अब उनकी विदाई छिंदवाड़ा से हो चुकी है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा की छिंदवाड़ा की जनता और उनका संबंध 45 साल पुराना है। यह संबंध हमेशा बना रहेगा और वह छिंदवाड़ा की जनता के आभारी है कि उन्होंने 45 साल तक उन्हें प्यार और शक्ति प्रदान की जिसकी बदौलत में लगातार आगे बढ़ते रहे। कमलनाथ ने छिंदवाड़ा आने को लेकर बताया कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने पूरे देश में बेहतर काम किया और जनता ने भी हमे सहयोग किया है। इसलिए मुझे दिल्ली बुलाया जा रहा था। लेकिन मैंने कहा कि पहले मैं छिंदवाड़ा जाऊंगा और छिंदवाड़ा की जनता के साथ इस समय पर खड़ा रहूंगा उसके बाद ही दिल्ली आऊंगा। कमलनाथ मतगणना के दूसरे दिन ही अपने एक दिवसी प्रवास पर छिंदवाड़ा पहुंचे यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर साफ कहा कि इस हार का कारण आप खुद तलाश कीजिए और जो भी निष्कर्ष निकलता है वह मुझे व्यक्तिगत रूप से भी आप भेज सकते हैं।

नकुलनाथ ने जताया छिंदवाड़ा की जनता का आभार 00000000000000000

मंगलवार को मतगणना के दौरान मतगणना स्थल से निकले नकुलनाथ बुधवार को अपने पिता के साथ मीडिया और कार्यकर्ताओं के सामने आए। उन्होंने कहा कि वह छिंदवाड़ा की जनता का आभार जताते हैं। और इस हार को भी स्वीकार करते हैं। फिलहाल उनकी प्राथमिकता दो-तीन महीने में अमरवाड़ा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव है। जिसमें वह कांग्रेस के प्रत्याशी को जिताने के लिए लगातार काम करेंगे। छिंदवाड़ा से उनका संबंध पिता की तरह ही 45 साल पुराना है। और यह संबंध इतनी आसानी से नहीं टूटेगा। नकुलनाथ ने साफ कर दिया है कि वह छिंदवाड़ा में ही रहेंगे। हालांकि मतगणना के बाद से ही सोशल मीडिया पर नकुलनाथ के छिंदवाड़ा से चले जाने की बातें चल रही थी जिसे उन्होंने नकार दिया है।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने सौंपा इस्तीफा 00000000000

कार्यकर्ताओं की बैठक और हार के मंथन पर चर्चा के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि जब विधानसभा की सातों सीटों को जितने का श्रेय मुझे मिला था। तो इस हार की जिम्मेदारी भी मैं लेता हूं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैंने इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा कमलनाथ जी को सौंप दिया है। हालांकि कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अब तक नहीं दिया है। वे पद पर रहेंगे की नही यह प्रदेश कांग्रेस कमेटी ही तय करेगी।

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