बीईओ दफ्तर में साढ़े तीन करोड़ का इनकम टैक्स का हुआ घोटला

वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2022-23 के बीच हुआ खेला, मामला ब्लॉक शिक्षा कार्यालय बैढऩ का

सिंगरौली : ब्लॉक शिक्षा कार्यालय बैढऩ इन दिनों अपने काले कारनामों को लेकर सुर्खियों में है। वही बीईओ दफ्तर में एक और बड़ा सनसनी खेज कारनामा सामने आया है। जहां तकरीबन साढ़े तीन करोड़ रूपये के इनकम टैक्स का घोटाला हुआ है। थोड़ा सुनने में अटपटा जरूर लग रहा होगा। लेकिन यह बात सौ आना सत्य है। इस सनसनी खेज मामले को लेकर अब बीईओ दफ्तर एक बार फिर से चर्चा में आ गया है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ब्लॉक शिक्षा कार्यालय बैढऩ में अभी तक ईएल भुगतान एवं अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान में भारी गड़बड़ी किये जाने का मामला सामने आया था।

तब तक लोगबाग मान रहे थे कि यह छोटामोटा बीईओ दफ्तर में खेला है। लेकिन इनकम टैक्स का घोटाला ने सब को हैरान कर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। हालांकि यह घोटाला अभी का नही बल्कि वर्ष 2014-15 से लेकर 2022-23 के बीच हुआ है। इसका खुलासा आयकर विभाग जबलपुर के द्वारा की गई है। बीईओ इस बारे में पत्र के माध्यम से इनकम टैक्स सार्ट पेमेंट के बारे में अवगत कराया गया था। हैरानी की बात है कि 10 वर्षो के बीच किसी भी बीईओ के द्वारा उक्त संबंध में आयकर विभाग जबलपुर को पत्राचार नही किया गया। इनक म टैक्स में सार्ट पेमेंट स्थिति क्यो निर्मित हुई, अधिकारी-कर्मचारियों का प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सही आयकर की गणना कर कटौती क्यो नही किया गया।

साथ ही सही समय सीमा में ई-फिलिंग का कार्य क्यो नही किया गया और लगाई गई पेनाल्टी की भरपाई कैसे की जावेगी। यदि सूत्रों की बात माने तो बीईओ ऑफीस के आईएफएमएस प्रभारी के द्वारा शिक्षकों से सांठगांठ कर इस तरह का व्यापक खेला करते हुये इनकम टैक्स डिपाटमेंट को चूना लगाते आ रहे थे। किन्तु डाटा ऑनलाईन होने के कारण आईटी डिपाटमेंट जबलपुर के द्वारा सार्ट पेमेंट/ लेट ई-फाइलिंग की पेनाल्टी बीईओ बैढऩ के विरूद्ध लगाई गई। ताज्जुब इस बात का है कि इनकम टैक्स के द्वारा सार्ट पेमेंट के बारे में प्रत्येक वर्ष बीईओ दफ्तर को अवगत कराया जाता रहा था। फिर भी इन 9 सालों के बीच पदस्थ बीईओ के द्वारा कोई कदम नही उठाया गया। लिहाजा आईटी जबलपुर का पत्र तिजोरियों में बन्द कर दिया गया था।
इनकम टैक्स प्रत्येक वर्ष लगा रहा था पेनाल्टी
सूत्रों की बात माने तो इनक म टैक्स विभाग जबलपुर के द्वारा पिछले 2014-15 से सार्ट पेमेंट के बारे में तत्कालीन बीईओ को अवगत कराया जा रहा था। वर्ष 2014-15 में करीब 50 हजार, वर्ष 16-17 में 5 हजार, वर्ष 2017-18 में 13277900 रूपये, वर्ष 2018-19 में 8 लाख रूपये, वर्ष 2019-2020 में 1 लाख 25 हजार रूपये, वर्ष 2020-21 में करीब 75 हजार रूपये, वर्ष 2021-2022 में करीब 21 लाख रूपये एवं वर्ष 2022-23 में करीब 14 लाख रूपये अनुमानित करीब साढ़े तीन करोड़ रूपये की इनकम टैक्स में हेरफेर ब्लॉक शिक्षा कार्यालय से किया गया है। इस व्यापक गड़बड़ी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है।
लिपिक एवं तैनात शिक्षक का कारनामा
चर्चाओं के मुताबिक इनकम टैक्स में व्यापक गड़बड़ी कराने का खेला बीईओ दफ्तर में तैनात शिक्षक महेश प्रसाद कोल एवं लेखापाल सहायक ग्रेड-2 केएम सोनी का नाम लिया जा रहा है। बताया जाता है कि महेश प्रसाद कोल के पास मेहरवान बीईओ आईएफएमआईएस एवं केएम सोनी के पास बिल बुक, कैश बुक जैसे महत्वपूर्ण शाखाओं का प्रभार है। आरोप यहां तब लग रहा है कि दोनो की सांठगांठ कर कर्मचारियों के इनकम टैक्स सार्ट पेमेंट एक सोची समझी गई रणनीति के तहत कराई गई और उगाही बगाही में भी इन दिनों का नाम विभागों में खुल लिया जाता है। यदि उच्चस्तरीय जांच हो तो कई बड़े मामले उजागर हो सक ते हैं।
इनका कहना
अभी तक मुझे ऐसी कोई जानकारी नही मिली है। यदि इस तरह से अनियमितता हुई है तो इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा । उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जावेगी।
एसबी सिंह
डीईओ, सिंगरौली

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