प्रश्न पत्र लीक मामले में चार बीएसी को शोकाज तीन दिन में मांगा जवाब, फिर होगी कार्रवाई

 

सुसनेर, 8 मार्च. सुसनेर में कक्षा 5वीं का 11 मार्च को होने वाला प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में जिला शिक्षा केंद्र आगर-मालवा द्वारा जनपद शिक्षा केंद्र आगर, बड़ौद, सुसनेर और नलखेड़ा के बीएसी को शोकाज नोटिस जारी कर 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है. समाधान कारक स्पष्टीकरण नहीं होने की दशा में कार्यवाही की बात भी कही गई है.

जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केंद्र आगर के कार्यालय से 7 मार्च को कालूराम गवली, बीएसी जनपद शिक्षा केंद्र बड़ौद, संतोष भेनिया, बीएसी जनपद शिक्षा केंद्र सुसनेर, सतीश नागर, बीएसी जनपद शिक्षा केंद्र नलखेड़ा और संजय कौशिक, बीएसी जनपद शिक्षा केंद्र आगर के नाम से शोकाज नोटिस जारी किए गए हैं. इन शोकाज नोटिस में लिखा गया है कि कार्यालयीन पत्र क्रमांक जिशिके/परीक्षा/2024/4065 आगर-मालवा दिनांक 23.03.2024 के माध्यम से आपकी ड्यूटी निर्धारित प्रिंटिंग प्रेस पर परीक्षा की गोपनीय सामग्री पैकिंग हेतु लगाई गई थी. जिसमें आपको अपनी निगरानी में प्रश्न पत्र की पैकिंग करवाने के लिए निर्देशित किया गया था. परंतु आपके द्वारा की गई लापरवाही के कारण कक्षा 5वीं के अंग्रेजी विषय प्रथम भाषा के प्रश्न पत्र के पैकेट में से अंग्रेजी द्वितीय भाषा का एक प्रश्न पत्र निकला है. जिसके कारण प्रश्न पत्र लीक हो गया है. एवं कई परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र निर्धारित संख्या से कम निकल रहे हैं. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि आप अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाह हैं. जो आपकी घोर अनुशासनहीनता एवं लापरवाही को प्रदर्शित करता है. आपका यह कृत्य सिविल सेवा आचरण 1965 के विपरित पाया गया, जो कदाचरण की श्रेणी में आता है. अत: क्यों ना आपको कदाचरण का दोषी मानते हुए सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण अपील 1966 के नियमों के अंतर्गत कार्यवाही प्रस्तावित की जाए. आप 3 दिन में अपना स्पष्टीकरण इस कार्यालय में प्रस्तुत करें. समयसीमा में उत्तर नहीं देने एवं स्पष्टीकरण समाधान कारक नहीं होने पर होने वाली कार्यवाही के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे.

 

यह था पूरा मामला…

 

डाक बंगला क्षेत्र में रहने वाले देवेन्द्र कटारिया ने बताया कि उनका बालक दक्ष जैन स्थानीय कॉन्वेन्ट स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से कक्षा 5वीं में अध्ययनरत है. 6 मार्च को उनके बालक की अंग्रेजी के पेपर की परीक्षा थी, लेकिन यहां मौजूद शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों ने बालक को 11 मार्च को हिन्दी मीडियम से परीक्षा देने वाले छात्रों का अंग्रेजी विषय का पेपर थमा दिया, जिसे बालक ने हल भी कर दिया. बालक ने घर आकर सारी बात परिजनों को बताई, जिसके बाद कटारिया ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी तथा विकासखंड स्त्रोत समन्वयक के नाम एक लिखित आवेदन देकर अपने बालक की अंग्रेजी माध्यम से अंग्रेजी की परीक्षा पुन: कराए जाने की मांग की है. जिम्मेदारों की इस लापरवाही के कारण आगर जिले के हिन्दी मीडियम से 5वीं की 11 मार्च को परीक्षा देने वाले लगभग 12 हजार छात्रों के सामने उनकी परीक्षा निरस्त होने की आशंका पैदा हो गई है.

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