मनरेगा योजना में करोड़ों का भ्रष्टाचार, जांच के बाद कार्यवाही नहीं  हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

जबलपुर। दमोह जिले में मनरेगा योजना के तहत करोडों का भ्रष्टाचार जांच में पाया गया। इसके बावजूद भी दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस अमरनाथ केसरवानी की युगलपीठ ने दमोह कलेक्टर तथा जिला पंचायत सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

याचिका कर्ता डॉ विजय बजाज की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया कि दमोह जिले के अंतर्गत हटा, पटेरा, जबेरा सहित अन्य जनपद पंचायत में मनरेगा योजना के तहत कार्य हुए थे। किसी भी एक परियोजना की तकनीकी स्वीकृति एक बार में नहीं दी गयी। खंड – खंड में तकनीकी स्वीकृति की योजना लेकर कार्य किये गये। इतना ही नहीं कार्य में लगे सामान के अनाप-शनाप बिल पेश किये गये।

शिकायत करने पर आयुक्त रोजगार गारंटी परियोजना ने जांच में आरोप को सही पाते हुए कलेक्टर को कार्यवाही के निर्देश दिये थे। जांच के बावजूद भी कलेक्टर द्वारा कार्यवाही नहीं किये जाने कारण उक्त याचिका दायर की गयी है। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता मुकेश कुमार अग्रवाल ने पैरवी की।

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