खंडवा। देश के तीर्थस्थल ओंकारेश्वर में तापमान और दर्शनार्थियों का आंकड़ा दोनों रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। वीक एंड और गर्मी की छुट्टियां दोनों ही भीड़ का मुख्य कारण हैं। वीआईपी दर्शन से कतारें आगे ही नहीं बढ़ पा रही हैं।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आस्थावानों के सब्र का बांध टूट पड़ा। लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की। वीआईपी दर्शन मंदिर प्रशासन को अचानक बंद करना पड़ा। फिर भी भीड़ काफी अधिक थी। तीन से चार घंटे 45 डिग्री तापमान में भी लोगों को खड़े रहना पड़ा। कई तो बेहाल हो गए।
ट्रस्टी का एकतरफा बयान
मंदिर प्रशासक और ट्रस्टी राव देवेंद्र सिंह इसके तीन मुख्य कारण बता रहे हैं। उनका कहना है, कि मंदिर का गर्भग्रह छोटा है। लोग फोन से सेल्फी और फोटो खींचने में समय लगा देते हैं। कुछ लोग तो दादागिरी कर ज्यादा देर वहां खड़े रहना चाहते हैं।
ट्रस्टी को क्या यह नहीं पता?
उन्होंने तो सारी तोहमत आने वाले श्रद्धालुओं पर ही ढोल दी। यह नहीं बताया, कि भगवान ओंकारेश्वर के सामने ही श्रद्धालुओं से मंदिर के लोग रिश्वत ले रहे हैं। उनके वीडियो वायरल हो रहे हैं। इस पर मंदिर प्रशासन ने क्या किया? बड़ा दान देने वालों और रवीना टंडन जैसे श्रद्धालुओं को ज्यादा वेटेज क्यों दिया जा रहा है?
गर्भग्रह बड़ा करने में दिक्कत
मंदिर जिस जगह पर बना है, उसके एक तरफ नर्मदाजी और दूसरी तरफ पहाड़ होने से डेवलपमेंट नहीं हो पा रहा है। यह बात सही है, लेकिन कुछ तो व्यवस्था करनी होगी। सोमनाथ मंदिर, विश्वनाथ मंदिर बनारस और उज्जैन के महाकालेश्वर की तरफ केंद्र की सरकार मोदी सरकार ज्यादा ध्यान दे रही है। खंडवा का पिछड़ा इलाका समझकर यहां ध्यान ही नहीं दिया जाता। आखिर खंडवा में भी तो सरपंच से सांसद तक सत्तारूढ़ पार्टी के हैं। फिर यहां के विकास पर क्यों बांझी मेरी जा रही है?
पार्किंग और ट्रैफिक पर फोकस
खंडवा के एसपी मनोज राय मंदिर की व्यवस्थाओं पर इंटरेस्ट लेते दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि पार्किंग और सड़क का ट्रैफिक दोनों हम दुरुस्त कर लेंगे। कलेक्टर और जिला प्रशासन के साथ मिलकर कुछ नया भी करना चाहते हैं। इसके लिए संयुक्त मुहिम चलाने की जरूरत है। ओंकारेश्वर में व्यवस्था बनाना चैलेंजिंग है, लेकिन हम ईमानदारी से मेहनत करेंगे।
क्यों चरमराई व्यवस्था!
गर्मी की छुट्टियों के दौरान देशभर के श्रद्धालु ओंकारेश्वर पहुंचते है. ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ते ही दर्शन की व्यवस्था चरमराने लगी है।