भोपाल, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल नगरनिगम कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन की राशि को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखते हुए मामले की जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
श्री सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि नगर निगम भोपाल में लगभग 8000 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं लगभग 3200 नियमित कर्मचारी काम करते है। इन कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह ईपीएफ की राशि काटकर कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय (ईपीएफओ) में जमा की जानी होती है जो कर्मचारियों की ही राशि होती है तथा उस पर उन्हें नियमानुसार ब्याज मिलता है। इसी राशि से कर्मचारियों को पेंशन मिलती है।
उन्होंने कहा है कि नगर निगम भोपाल द्वारा नवंबर 2016 से फरवरी 2023 तक कर्मचारियों की पेंशन निधि की राशि ईपीएफओ कार्यालय में जमा नही की गई। इस बारे में ईपीएफओ ने निगम को कई बार नोटिस भेजे, लेकिन नगर निगम ने न तो कोई जवाब दिया और न ही अधिकारी सुनवाई पर उपस्थित हुए। इसके बाद ईपीएफओ ने भोपाल नगर निगम पर अर्थदण्ड और ब्याज सहित लगभग 21 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया। निगम ने अपनी गलती को स्वीकार कर इस राशि का भुगतान ईपीएफओ को कर दिया गया।
इसी संदर्भ में श्री सिंह ने कहा कि ये राशि शहर के आम नागरिकों से करों के तौर पर एकत्रित की गई थी और इसे दण्ड एवं ब्याज के रूप में किसी संस्था को देना घोर कदाचरण है। उन्होंने निगम की कार्यप्रणाली और अधिकारियों की भूमिका पर कई सवाल भी उठाए हैं।
इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच करा कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।