हरसूद में 7 व खंडवा में 13 मई को मतदान

खंडवा: जिले के हरसूद विस क्षेत्र में मतदाता मंगलवार 7 मई को मतदान करेंगे। वे बैतूल का सांसद चुनेंगे। खंडवा जिले की बाकी तीन विस के लोगों की अंगुली पर 13 मई को निशान लगेगा। वे खंडवा का सांसद चुनेंगे।हरसूद में मतदान के लिए मेघालय से एक बड़ी कंपनी तैनात हो चुकी है। पहली बार ऐसा हुआ है कि खंडवा जिले में तीसरे और चौथे चरण दोनों में मतदान होगा। खंडवा संसदीय क्षेत्र को चार जिले से बनाया गया है। इसके विपरीत खंडवा जिले के हरसूद विस को बैतूल लोकसभा में जोडऩे से यह स्थिति बनी है।
ऐसी है स्थिति
प्रत्याशी जनता के बीच जाकर वोट बटोरने में लगे हैं। दोनों जगह शोरगुल गायब है। चुपचाप रणनीति से काम चल रहा है। समझदार जनता पर गेम छोड़ दिया है। बेक-डोर सहयोग में दोनों दलों की कहानी अलग-अलग है। सत्तारूढ़ दल के प्रत्याशी तो खर्चे से प्लस में होने की चर्चा है। विपक्षी उम्मीदवार के नाम पर हुआ, लेकिन उनके हाथ खर्चा करने का कुछ नहीं लगा।
जीत ऐसे तय होगी?
मई की गर्मी शबाब पर चल रही है। कार्यकर्ता तो दूर, प्रत्याशी भी ठंडे समय का इंतजार कर रहे हैं। दिन के बजाए रात में ज्यादा सरगर्मी दिखती है। रात दस बजे के बाद धर्मशाला, परिसरों और सार्वजनिक स्थानों पर टुकड़ों में भोज चल रहे हैं। शादियों का समय खत्म होने से परिसर इसी काम में आ रहे हैं। यही वजह है कि भीषण गर्मी में मतदाताओं का उत्साह मतदान करने के प्रतिशत घटेगा।
प्रशासन की दीवानगी
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन भर गर्मी में भी पसीना बहा रहा है। इसे मजबूरी ही माना जाएगा। चौथे चरण में खंडवा में मतदान है। अभी तक कम मतदान हुआ है। इसीलिए खंडवा-बैतूल क्षेत्रों पर ज्यादा मतदान कराने का दबाव है। एक-एक कर्मचारी भर धूप में मतदाताओं के घर जाकर पीले चावल के साथ ही मतदान की शपथ दिल रहे हैं ताकि एक अच्छी सरकार चुनने के लिए मतदाता अपने मतदान का प्रयोग करे।

13 को मतदान से पहले

खंडवा लोकसभा क्षेत्र में 13 में मई को मतदान होना है। अभी तक ऐसा कोई राष्ट्रीय नेता या स्टार प्रचारक खंडवा संसदीय क्षेत्र में सभा लेने नहीं पहुंचा,जो इस चुनावी माहौल को बदलकर रख दे। यहां पर स्थानीय मुद्दे ही सबसे ज्यादा चल रहे हैं। एक मोदी के चेहरे को आगे कर रहा है, तो दूसरा टिकिट मिला, इसलिए इस जंग में रन कर रहा है।

भाजपा का कान्फीडेंस

कांग्रेस घोषणा पत्र के आधार पर चुनावी समर में है। भाजपा के घोषणा पत्र का अता-पता ही नहीं है। यहां प्रत्याशी भी गौण है। केवल मोदी का चेहरा ही काफी है। भाजपाई इतने कान्फीडेंस में हैं कि चुनाव के दो दिन पहले नगर निगम वसूली की लोक अदालत भी लग रही है। इंदौर-इच्छापुर रोड पर कुछ जगह टोल टैक्स वसूली के लिए सडक़ निर्माता तैयार है।

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